तिरुपति: तिरुपति मंदिर के प्रसादम (लड्डू) में जानवरों की चर्बी के आरोपों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के डिप्टी-सीएम और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने गुरुवार तिरुपति में आयोजित ‘वाराही सभा’ में कड़ा बयान दिया। पवन कल्याण ने कहा, “मैं सनातन धर्म के लिए सब कुछ त्याग दूंगा। मैं सनातन धर्म का पालन करता हूं और सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सनातन धर्म संरक्षण बोर्ड का गठन होना चाहिए।
“उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मनिरपेक्षता की आड़ में हिंदू धर्म का अपमान और उपहास किया जा रहा है। पवन कल्याण ने कहा, “नकली धर्मनिरपेक्षतावादियों के लिए धर्मनिरपेक्षता का मतलब हिंदू धर्म का मजाक बनाना और इसे कमजोर करना है।”
तिरुमाला में अन्याय पर खामोश नहीं रहेंगे
पवन कल्याण ने आगे कहा कि तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के साथ कोई अन्याय होगा तो वह चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने तिरुपति में अपने संबोधन में कहा, “अगर तिरुमाला में वेंकन्ना (भगवान वेंकटेश्वर) के साथ अन्याय हो रहा है, तो क्या हम नहीं बोलेंगे? यह सब राजनीति और वोट के लिए है। अगर तिरुमाला में उत्पात हो रहा है, तो मैं चुप नहीं रह सकता।”उन्होंने सनातन धर्म की सुरक्षा के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित बताते हुए कहा, “अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे, तो धर्म हमारी रक्षा करेगा।”
सनातन धर्म की रक्षा के लिए मजबूत कानून की मांग
पवन कल्याण ने सभा में कई घोषणाएं करते हुए कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक सख्त कानून की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने मंदिरों में प्रसाद और पूजा सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए ‘सनातन धर्म प्रमाणीकरण’ की मांग भी उठाई।उन्होंने कहा कि देश में बढ़ते धार्मिक हमलों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और सनातन धर्म का अपमान करने वाले व्यक्तियों और संगठनों का बहिष्कार होना चाहिए। साथ ही, उन्होंने धर्मनिरपेक्षता का दोहरा मापदंड अपनाने पर भी सवाल उठाया।
मंदिरों को बनाएंगे कल्याणकारी केंद्र
पवन कल्याण ने मंदिरों को केवल आध्यात्मिक केंद्र के बजाय शिक्षा, कला, पर्यावरण संरक्षण और अन्य कल्याणकारी कार्यों के केंद्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
धर्मनिरपेक्षता पर एकतरफा रवैया न हो
पवन कल्याण ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का पालन केवल हिंदू धर्म के प्रति ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के प्रति समान रूप से होना चाहिए। उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं पर हो रहे हमलों और समाज में एकता की कमी का मुद्दा भी उठाया।उन्होंने कहा, “हिंदू समाज जातियों और क्षेत्रों में बंटा हुआ है, इसलिए अब समय आ गया है कि सभी हिंदू एकजुट हों और अपने धर्म की रक्षा के लिए आगे आएं।”