बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के बीच दुर्गा पूजा उत्सव शांत तरीके से मनाया जाएगा

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक नेताओं का कहना है कि शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद हिन्दू समुदाय पर हमलों के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए इस साल समुदाय के लोग देश में दुर्गा पूजा को शांत तरीके से मनाएंगे।

नौकारियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के बाद पांच अगस्त को हसीना ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया और पिछले दो माह में हिन्दू समुदाय के खिलाफ दो हजार से अधिक हमले हुए।

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई यूनिटी काउंसिल (बीएचबीसीओपी) की एक समिति के सदस्य रंजन करमाकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘इस साल हम सिर्फ दुर्गा पूजा का आयोजन कर रहे हैं और कोई समारोह नहीं होंगे।’’

करमाकर ने कहा, ‘‘यह हिंदू समुदाय की ओर से विरोध का एक तरीका है और इस साल अगस्त से हमारे समुदाय पर लगातार हमलों के बाद हिंदू समुदाय के लोग किसी भी तरह के पर्व में हिस्सा लेने से बच रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि कई पूजा आयोजकों को धमकियों और जबरन वसूली के लिए कॉल की जा रही हैं।

बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद के अध्यक्ष वासुदेव धर ने कहा कि सरकार ने उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया है, लेकिन समुदाय ने फैसला लिया है कि वे सिर्फ दुर्गा पूजा का ही आयोजन करेंगे, लेकिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित किसी भी प्रकार के उत्सव का आयोजन नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘…हमने सभी पूजा आयोजकों से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध बैनर लगाने करने का आग्रह किया है। इन बैनरों में हमारी मांगें भी लिखी होंगी, जिनमें अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मामलों में न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक निष्पक्ष जांच समिति बनाने और अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम बनाना शामिल हैं।’’

बीएचबीसीओपी द्वारा जुटाए आंकड़ों के अनुसार पांच अगस्त से 20 अगस्त तक बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों की 2,010 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें हत्या और हमलों से लेकर यौन उत्पीड़न और मंदिरों पर हमले शामिल हैं। बांग्लादेश की सरकार ने हमलों की संख्या पर आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं।

इस बीच, एक अन्य हिंदू नेता एवं दुर्गा पूजा के आयोजक ने दावा किया कि कई पूजा समितियों को ‘‘जबरन वसूली के तौर पर मोटी रकम- विशेष रूप से बांग्लादेशी टका तीन-पांच लाख, की मांग करते हुए गुमनाम धमकी भरे पत्र मिले हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह एक सुरक्षित माहौल है जहां हम दुर्गा पूजा उत्सव शांतिपूर्वक मना सकें? यह कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि अब इस साल यह एक आम बात हो गई है।’’

कट्टरपंथी इस्लामी समूह दुर्गा पूजा के सार्वजनिक आयोजन और पर्व के दौरान राष्ट्रव्यापी छुट्टियों का विरोध कर रहे हैं, जबकि अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की खबरें बढ़ गई हैं।

कई हिंदू नेताओं के अनुसार, गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी के एक बयान में हिंदू समुदाय से दुर्गा पूजा से जुड़ी गतिविधियों को, विशेष रूप से मुस्लिम अजान और नमाज के समय, अस्थायी रूप से रोकने के लिए कहा गया है, जिससे मामला और बिगड़ गया है।

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