केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रविवार को भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सरकार की साहसिक और रणनीतिक दृष्टि को सामने रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विज्ञान के “पुष” (Science Push) के माध्यम से “विकसित भारत” के सपने को साकार करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के विज्ञान में नवाचार के प्रयास, देश को न केवल एक आत्मनिर्भर और टिकाऊ अर्थव्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं, बल्कि वैश्विक विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में भारत को एक अग्रणी स्थान पर स्थापित करने का भी संकल्प लिए हुए हैं।
प्रमुख उपलब्धियाँ और लक्ष्य
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में वैज्ञानिक क्षेत्र में कई क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं, जिनमें से कुछ हैं:
- अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए 1000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड – यह फंड अंतरिक्ष स्टार्टअप्स के समर्थन के लिए लॉन्च किया गया है और सरकार के इस निर्णय ने देश में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से जुड़ी कंपनियों का विस्तार करने में मदद की है। कुछ ही वर्षों में भारत ने एकल अंक में गिने जाने वाले अंतरिक्ष स्टार्टअप्स से लेकर लगभग 300 कंपनियों का एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार किया है।
- बायो E3 नीति – इस नीति के माध्यम से जैव-आर्थिकता (bioeconomy) को सुदृढ़ करना उद्देश्य है। इसके तहत देश में जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से उद्योग और शोध क्षेत्र में मजबूती और रोजगार सृजन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और उपलब्धियाँ
डॉ. सिंह ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की बढ़ती उपस्थिति पर भी ध्यान आकर्षित किया। चंद्रयान-3 जैसे सफल मिशनों ने न केवल भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है, बल्कि देश की तकनीकी और वैज्ञानिक योग्यता को भी प्रमाणित किया है। इसके साथ ही, गगनयान मिशन, जो भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान होगा, में महिला रोबोट की टेस्ट फ्लाइट जैसी अनोखी पहल भी की जा रही है। यह मिशन भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में लीडरशिप प्रदान करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
दीर्घकालीन सोच और सामरिक सुधार
प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में की गई दीर्घकालिक योजनाएँ और अभिनव प्रयास देश को स्थिरता और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में अहम साबित हो रहे हैं। इन योजनाओं में अंतरिक्ष अन्वेषण, जैव प्रौद्योगिकी, मौसम विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भारत को शीर्ष पर लाने की प्राथमिकता दी जा रही है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की विज्ञान नीति का उद्देश्य न केवल अन्य देशों के साथ कदम मिलाना है, बल्कि तकनीकी नवाचार, सटीकता और विश्वसनीयता के साथ अग्रणी भूमिका निभाना है।