जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान जारी है। घाटी में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच लगातार मुठभेड़ें हो रही हैं, जिसमें हालिया घटना श्रीनगर के खानयार क्षेत्र में देखने को मिली। सुरक्षा एजेंसियों को मिली खुफिया जानकारी के आधार पर यह अभियान शुरू किया गया था। जैसे ही सुरक्षाबल संदिग्ध इलाके में पहुंचे, वहां छिपे आतंकियों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिससे मुठभेड़ तेज हो गई।
आतंकियों के छिपने की रणनीति और सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई
खुफिया इनपुट के आधार पर माना जा रहा है कि आतंकवादी किसी मकान में छिपे हुए थे। आतंकियों की ऐसी गतिविधियों के कारण सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया और सर्च ऑपरेशन चलाया। शुक्रवार शाम से ही घाटी में यह दूसरी बड़ी मुठभेड़ है, जो श्रीनगर में चल रही है। इसी दिन बांदीपोरा में भी आतंकियों ने जवानों के शिविर पर हमला कर दिया था। घाटी में हाल के दिनों में रुक-रुक कर आतंकवादी घटनाएं देखने को मिल रही हैं, जो जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन के बाद तेजी से बढ़ी हैं।
प्रवासी मजदूरों पर हमले बढ़े
इन आतंकी घटनाओं में प्रवासी मजदूरों को भी निशाना बनाया जा रहा है। हाल के कुछ दिनों में आतंकियों ने कई प्रवासी मजदूरों पर हमले किए हैं। सबसे ताज़ा घटना में उत्तर प्रदेश के दो प्रवासी मजदूरों को गोली मारकर घायल कर दिया गया है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले छह प्रवासी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ये घटनाएं घाटी में आतंकवाद के नए खतरे को दिखाती हैं, जिसमें निर्दोष प्रवासी मजदूरों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
आतंकियों की घुसपैठ और सुरक्षा बलों का कड़ा जवाब
घाटी में आतंकी गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। आतंकवादी स्थानीय नागरिकों और प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाकर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। सुरक्षाबल उनके इन मंसूबों को नाकाम करने के लिए लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं और आतंकियों को हराने के लिए तैयार हैं। सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां घाटी में शांति बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं, और इसी उद्देश्य से आतंकियों के ठिकानों पर कड़े सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।
सुरक्षा बलों की चुनौतियां और आतंकी घटनाओं में वृद्धि
जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन के बाद से आतंकी गतिविधियों में अचानक वृद्धि देखी गई है। आतंकवादी न केवल सेना के जवानों, बल्कि प्रवासी मजदूरों को भी टारगेट कर रहे हैं, जिससे घाटी में अस्थिरता पैदा हो रही है। इन घटनाओं ने सुरक्षा बलों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है, लेकिन सुरक्षाबल घाटी में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका उद्देश्य आतंकवाद को समाप्त करना और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
निष्कर्ष
जम्मू-कश्मीर में हालिया घटनाएं दिखाती हैं कि घाटी में सुरक्षा और शांति की बहाली के लिए सुरक्षाबलों को निरंतर सतर्कता बनाए रखनी होगी। आतंकवाद के खिलाफ यह संघर्ष कठिन है, लेकिन सुरक्षाबल आतंकियों के हर मंसूबे को नाकाम करने के लिए प्रयासरत हैं। स्थानीय लोगों और प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सुरक्षाबलों की प्राथमिकता है, और इसके लिए उन्हें किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।