राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को राष्ट्र की अगुवाई करते हुए आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद परिसर में प्रेरणा स्थल पर बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश भी मौजूद थे।
कार्यक्रम के बाद इन नेताओं ने लोक कलाकारों से बातचीत की।
मुर्मू के वहां से जाने के बाद धनखड़ (जो राज्यसभा के सभापति भी हैं) और बिरला ने ड्रम सहित अन्य संगीत वाद्ययंत्रों पर हाथ आजमाया।
गुमनाम आदिवासी नायकों के बलिदान की याद में वर्ष 2021 से बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आदिवासी महापुरुष बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि बलिदानों से भरा उनका जीवन राष्ट्र सेवा का अद्वितीय उदाहरण है।
वर्तमान झारखंड में 1875 में जन्मे मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासी विद्रोह का नेतृत्व किया था। हिरासत में रहते हुए 25 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भगवान बिरसा मुंडा जी ने मातृभूमि के गौरव और सम्मान की रक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। मैं उनकी जयंती – जनजातीय गौरव दिवस के पावन अवसर पर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’’
झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने राजभवन, बिरसा चौक और कोकर स्मारक में आदिवासी योद्धा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
राज्यपाल ने एक बयान में कहा कि यह दिन आदिवासी समुदाय के अद्वितीय योगदान और उनकी बहादुरी को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह दिन झारखंड के लिए खास है क्योंकि यह आदिवासी महापुरुष की जयंती और राज्य का स्थापना दिवस भी है।