नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार को कहा कि भारत वर्ष 2030 तक दुनिया के शीर्ष 10 जहाज निर्माताओं में शामिल होगा।
‘सागरमंथन – द ग्रेट ओशंस डॉयलॉग’ को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा कि वैश्विक दक्षिण 21वीं सदी में समुद्री व्यापार का स्वरूप निर्धारित करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह देखते हुए कि भारत के पास एक प्रमुख जहाज निर्माण राष्ट्र बनने के लिए समृद्ध प्रतिभा पूल के साथ-साथ संसाधन भी हैं, हम वर्ष 2030 तक जहाज निर्माण करने वाले शीर्ष 10 देशों में शामिल होने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हमारा लक्ष्य 2047 तक दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल होने का है।’’
मंत्री ने संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग करने वाली समुद्री अर्थव्यवस्था बनाने पर तकनीकी विशेषज्ञों के साथ भी बातचीत की।
भारत का समुद्री क्षेत्र इसके व्यापार और वाणिज्य की रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है। यह मात्रा के लिहाज से देश के व्यापार का लगभग 95 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 70 प्रतिशत भाग संभालता है। 12 प्रमुख बंदरगाहों और 200 से अधिक अधिसूचित छोटे और मध्यवर्ती बंदरगाहों के साथ, देश का बंदरगाह बुनियादी ढांचा इसकी बढ़ती अर्थव्यवस्था का आधार है।
दुनिया के सोलहवें सबसे बड़े समुद्री राष्ट्र के रूप में, भारत वैश्विक शिपिंग लेन पर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पूर्वी एशिया और अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका जैसे गंतव्यों के बीच यात्रा करने वाले अधिकांश मालवाहक जहाज भारतीय जल से होकर गुजरते हैं, जो देश के रणनीतिक महत्व को दर्शाता है। इस क्षेत्र का योगदान व्यापार से परे भी है।
मंत्री ने संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग करने वाली समुद्री अर्थव्यवस्था बनाने पर तकनीकी विशेषज्ञों के साथ भी बातचीत की।
भारत का समुद्री क्षेत्र इसके व्यापार और वाणिज्य की रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है। यह मात्रा के लिहाज से देश के व्यापार का लगभग 95 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 70 प्रतिशत भाग संभालता है। 12 प्रमुख बंदरगाहों और 200 से अधिक अधिसूचित छोटे और मध्यवर्ती बंदरगाहों के साथ, देश का बंदरगाह बुनियादी ढांचा इसकी बढ़ती अर्थव्यवस्था का आधार है।
दुनिया के सोलहवें सबसे बड़े समुद्री राष्ट्र के रूप में, भारत वैश्विक शिपिंग लेन पर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पूर्वी एशिया और अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका जैसे गंतव्यों के बीच यात्रा करने वाले अधिकांश मालवाहक जहाज भारतीय जल से होकर गुजरते हैं, जो देश के रणनीतिक महत्व को दर्शाता है। इस क्षेत्र का योगदान व्यापार से परे भी है।