चुनाव आयोग का भाजपा और कांग्रेस को निर्देश: स्टार प्रचारक भाषणों में बरतें संयम और मर्यादा

चुनाव आयोग ने आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के बयानों पर निर्देश जारी किया है। आयोग ने दोनों दलों को कहा है कि उनके स्टार प्रचारक अपने बयानों में संयम बरतें और मर्यादा का पालन करें। यह कदम भाजपा और कांग्रेस के नेताओं द्वारा जाति, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर दिए गए बयानों के कारण उठाया गया है।

निर्देशों की आवश्यकताः

चुनाव आयोग ने भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को निर्देश दिया है कि वे अपनी-अपनी पार्टी की ओर से एक औपचारिक नोट जारी करें। इसमें पार्टी के स्टार प्रचारकों को यह निर्देश देने के लिए कहा गया है कि वे अपने भाषणों में सावधानी और मर्यादा बरतें।

भाजपा और कांग्रेस को निर्देशः

आयोग ने भाजपा और उसके स्टार प्रचारकों को धार्मिक और सांप्रदायिक भाषणों से परहेज करने का निर्देश दिया है और समाज को विभाजित करने वाले भाषण बंद करने को कहा है। वहीं, कांग्रेस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनके स्टार प्रचारक ऐसे बयान न दें जिनसे गलत धारणा पैदा होती है, जैसे कि भारत के संविधान को खत्म किया जा सकता है।

रक्षा बलों का राजनीतिकरण न करें:

चुनाव आयोग ने अग्निवीर योजना को लेकर भी कांग्रेस को निर्देश दिया है कि वे रक्षा बलों का राजनीतिकरण न करें और रक्षा बलों की सामाजिक-आर्थिक संरचना के बारे में विभाजनकारी बयान न दें।

अभिजीत गंगोपाध्याय को नोटिस:

इससे पहले चुनाव आयोग ने भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार और हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ उनकी “अनुचित, अविवेकपूर्ण और अशोभनीय” टिप्पणी को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। मौजूदा लोकसभा चुनाव में गंगोपाध्याय चौथे नेता हैं, जिन्हें महिलाओं के खिलाफ कथित अशोभनीय टिप्पणी के लिए नोटिस भेजा गया है।

अन्य नेताओं पर कार्रवाई:

चुनाव आयोग ने भाजपा के दिलीप घोष और कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत को क्रमशः ममता बनर्जी और कंगना रनौत के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर नोटिस जारी किया था। साथ ही, कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला को भाजपा नेता हेमा मालिनी के खिलाफ टिप्पणी के लिए 48 घंटे के लिए प्रचार करने से रोक दिया था।

निष्कर्ष:

चुनाव आयोग के इन निर्देशों का उद्देश्य चुनाव प्रचार के दौरान भाषणों में संयम और मर्यादा बनाए रखना है, ताकि समाज में विभाजन और तनाव न पैदा हो। आयोग ने राजनीतिक दलों को सख्त हिदायत दी है कि वे अपने स्टार प्रचारकों को इस दिशा में निर्देशित करें, जिससे चुनाव प्रक्रिया सुचारू और निष्पक्ष बनी रहे।

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