23 मई को अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में 8.01% की बढ़ोतरी हुई, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि OCCRP और सोरोस की साजिश नाकाम हो गई। भारत की आर्थिक प्रगति में आम आदमी से लेकर बड़े उद्योग समूहों की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिनमें अडानी ग्रुप प्रमुख है। यह समूह देश की आर्थिक तरक्की और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। बावजूद इसके, अडानी ग्रुप को निशाना बनाने के लिए कई रिपोर्ट्स आई हैं। इनमें से एक हिंडनबर्ग रिपोर्ट को भारत का सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। हाल ही में फाइनेंशियल टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट को भी विशेषज्ञों ने अडानी ग्रुप के खिलाफ साजिश करार दिया है।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट ने Organized Crime and Corruption Reporting Project (OCCRP) के हवाले से आरोप लगाया कि अडानी ग्रुप ने 2014 में इंडोनेशिया से घटिया क्वॉलिटी का कोयला सस्ते में खरीदकर उसे तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी (TANGEDCO) को महंगे और बेहतर कोयले के रूप में बेचा। रिपोर्ट में इसे भारत में वायु प्रदूषण से जोड़ते हुए दावा किया गया कि इससे हर साल 20 लाख लोग मारे जाते हैं। हालांकि, यह रिपोर्ट सतही साबित हुई, क्योंकि बाजार ने इसका सही जवाब दे दिया। 23 मई को अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 8.01% चढ़ गया और इसके अलावा अदानी पोर्ट्स, अदानी पावर, और अदानी टोटल गैस के शेयरों में भी वृद्धि देखी गई।
राजनीतिक विश्लेषक हर्षवर्धन त्रिपाठी ने कहा कि भारत के वर्तमान इंडस्ट्रियल लैंडस्कैप में अडानी समूह एक ऐसी कंपनी के रूप में उभरी है, जो कई बुनियादी ढांचे वाले प्रोजेक्टों में दुनिया की बड़ी कंपनियों को रिप्लेस कर रही है। अडानी समूह के कई निवेश दुनिया के विभिन्न देशों में भी हो रहे हैं, जो भारत के स्ट्रैटेजिक इनवेस्टमेंट के तौर पर महत्वपूर्ण हैं। त्रिपाठी ने यह भी कहा कि दुनिया की बड़ी कंपनियों के बीच भारतीय कंपनियों का बड़ा होना और वर्ल्ड लीडरशिप में भारत की भूमिका निभाने की कोशिश, इसे ध्वस्त करने के लिए साजिश की जा रही है।
Crawford Bayley & Co के सीनियर पार्टनर संजय अशर ने कहा कि वेस्टेड इंटरेस्ट वाले लोग ऐसी रिपोर्ट्स कराते हैं, लेकिन बाजार में पैसा लगाने वाले लोग सही सोच और जांच के बाद निवेश करते हैं। स्टॉक मार्केट की खबरों में दम होता है क्योंकि उसमें थर्ड पार्टी के पैसे भी इनवेस्ट होते हैं। अशर ने कहा कि स्टॉक मार्केट ने इस रिपोर्ट को डिस्काउंट नहीं किया है, बल्कि रिपोर्ट के बावजूद अडानी ग्रुप के शेयर की कीमतें बढ़ी हैं, जो साफ तौर पर बताता है कि इस रिपोर्ट में कोई दम नहीं है।
यह मामला 10 साल पुराना है और हिंडनबर्ग रिपोर्ट में भी कोई दम नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप को क्लीन चिट दे दी है। लोग अडानी ग्रुप को बदनाम करने और अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। इस ग्रुप ने पोर्ट, एयरपोर्ट, बिजली जैसे विभिन्न सेक्टर्स में मजबूत निवेश किए हैं और आगे बढ़ता रहा है।
अडानी एंटरप्राइजेज कल बीएसई 30 में लिस्टेड होने वाला है, इस पूरे घटनाक्रम को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है। त्रिपाठी ने कहा कि इंटरनेशनल कंपनियां और उनके भारत में मौजूद लोग भी इस साजिश में शामिल हो सकते हैं। यह संदेह पैदा करता है कि किसी एक कंपनी पर इतना ध्यान क्यों दिया जा रहा है, जबकि उसी सेक्टर की दूसरी कंपनियों का जिक्र नहीं हो रहा है।
अंततः, बाजार ने OCCRP और सोरोस की साजिश का मुंहतोड़ जवाब देकर साबित कर दिया कि अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और इस रिपोर्ट में कोई दम नहीं है।