लोकसभा चुनाव से पहले राकेश टिकैत की खास अपील: भाजपा को हराने वाले उम्मीदवार को दें वोट

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरणों से पहले भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत ने मतदाताओं से महत्वपूर्ण अपील की है। उन्होंने कहा कि मतदाता उन उम्मीदवारों को वोट दें जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने में सक्षम हों।

देश में पांच चरणों का मतदान पहले ही संपन्न हो चुका है और अब 25 मई और 1 जून को अंतिम दो चरणों का मतदान होना बाकी है। हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में होने वाले इन चरणों में किसानों और अन्य मतदाताओं पर राकेश टिकैत के बयान का खासा प्रभाव पड़ सकता है।

राकेश टिकैत ने गुरुवार को सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी अपील जारी की। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार भारतीय जनता पार्टी की नहीं, बल्कि ‘पूंजीपतियों के गिरोह’ की सरकार है। उन्होंने कहा कि यह गिरोह देश पर कब्जा कर चुका है और वही चुनाव लड़ रहा है। टिकैत ने मतदाताओं से कहा, “मतदान के दो चरण बचे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का स्पष्ट कहना है कि आपको ऐसे उम्मीदवार को वोट देना चाहिए जो भाजपा को हरा सके।”

टिकैत ने अपनी अपील में आगे कहा, “यह भारत की जनता और इस गिरोह के बीच सीधा चुनाव है। जनता यह चुनाव लड़ रही है। चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। जो भी उम्मीदवार आपके क्षेत्र में भाजपा को हरा सकता है, उसे वोट दें।” टिकैत की इस अपील का हरियाणा और पंजाब के किसानों पर विशेष प्रभाव हो सकता है, जहां उनकी बातों को गंभीरता से लिया जाता है।

गौरतलब है कि देश में 19 अप्रैल से शुरू हुए संसदीय चुनाव के अब तक पांच चरण पूरे हो चुके हैं। बाकी दो चरणों में 25 मई और 1 जून को मतदान होगा, जबकि मतगणना चार जून को होगी।

राकेश टिकैत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब चुनाव प्रचार अपने चरम पर है और विभिन्न राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने में जुटे हुए हैं। टिकैत की अपील से स्पष्ट है कि किसानों और ग्रामीण मतदाताओं में भाजपा के प्रति असंतोष की भावना को उभारा जा रहा है।

किसान आंदोलन के दौरान राकेश टिकैत ने किसानों के हक की लड़ाई लड़ते हुए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनका कहना है कि वर्तमान सरकार ने किसानों के हितों की अनदेखी की है और उनके अधिकारों को कुचला है। टिकैत का आरोप है कि भाजपा सरकार ने पूंजीपतियों के हितों को प्राथमिकता दी है, जिससे किसानों और आम जनता को नुकसान हुआ है।

टिकैत की इस अपील का असर हरियाणा और पंजाब के चुनावी समीकरणों पर भी पड़ सकता है, जहां किसान आंदोलन का प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि यह चुनाव केवल राजनीतिक दलों के बीच नहीं, बल्कि जनता और पूंजीपतियों के गिरोह के बीच है।

राकेश टिकैत की इस अपील से यह स्पष्ट होता है कि वे चुनाव में भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं और मतदाताओं को भाजपा के खिलाफ संगठित करने का प्रयास कर रहे हैं।

आखिरकार, 25 मई और 1 जून को होने वाले मतदान में यह देखना दिलचस्प होगा कि राकेश टिकैत की इस अपील का कितना असर होता है और क्या इससे भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विरोधी लहर उत्पन्न हो पाती है या नहीं।

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