पुणे में हुए पोर्शे कार दुर्घटना मामले में पुलिस ने आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल समेत अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। एफआईआर के अनुसार, दुर्घटना के वक्त कार का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ था। इस मामले में दो पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और इसकी जांच अब क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है।
निलंबित पुलिसकर्मियों में पुलिस इंस्पेक्टर राहुल जगदाले और असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर विश्वनाथ टोडकरी शामिल हैं। उन्हें प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर निलंबित किया गया है क्योंकि उन्होंने घटना की सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी थी। ये दोनों अधिकारी येरवडा पुलिस स्टेशन में तैनात थे, जहां दुर्घटना के बाद नाबालिग आरोपी को लाया गया था।
घटना रविवार तड़के करीब 2.15 बजे हुई जब 12वीं कक्षा के परिणामों का जश्न मनाने के बाद, नाबालिग ने पुणे के कल्याणी नगर क्षेत्र में दो आईटी प्रोफेशनल्स, अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा, को कार से टक्कर मार दी। इस हादसे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। एनडीटीवी ने बताया कि पुणे के एक प्रमुख व्यवसायी के बेटे को दुर्घटना के बाद पुलिस थाने में विशेष सुविधा दी गई थी और उनके मेडिकल परीक्षण में देरी की गई थी।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने इस घटना की सूचना केंद्रीय पुलिस कंट्रोल रूम को भी नहीं दी थी, जो कि निर्धारित प्रक्रिया के तहत जरूरी था ताकि मामलों का सही रिकॉर्ड रखा जा सके और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को समय पर जानकारी मिल सके।
शुक्रवार को आरोपी के पिता को अदालत ने 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जबकि आरोपी को पहले ही 5 जून तक रिमांड होम में भेजा जा चुका है।