दिल्ली की एक अदालत ने महाराष्ट्र की एक कंपनी और उसके दो निदेशकों को राज्य में कोयला खदान आवंटन में अनियमितता से जुड़े मामले में सोमवार को धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने का दोषी करार दिया।
कोयला घोटाला से जुड़ा यह 16वां मामला है जिसमें अदालत ने सजा सुनाई है।
विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने बी.एस. इस्पात लिमिटेड, मोहन अग्रवाल और राकेश अग्रवाल को भारतीय दंड संहिता की धारा-420 (धोखाधड़ी) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी करार दिया। अदालत ने रेखांकित किया कि अभियोजन पक्ष ने आरोपों को साबित कर दिया है।
यह मामला महाराष्ट्र स्थित ‘मरकी-मंगली-1’ कोयला ब्लॉक कंपनी के पक्ष में आवंटित करने में की गई अनिमियतताओं से जुड़ा है।
अदालत में मंगलवार को सजा पर बहस होने की उम्मीद है। इस मामले में दोषियों को सात साल कारावास की सजा हो सकती है और कंपनी पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक आर.एस. चीमा, अतिरिक्त कानूनी सलाहकार संजय कुमार और अधिवक्ता एपी सिंह ने दलीलें पेश कीं।