रिजर्व बैंक का तोहफा! कर्ज के नियम बना दिए आसान, ईएमआई भी कम होगी और लोन भी जल्‍दी मिलेगा

भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों के लिए नियमों में बड़ा बदलाव किया है. इसका फायदा देश के सभी ग्राहकों को मिलेगा, क्‍योंकि इससे ईएमआई तो आसान होगी ही, लोगों को कर्ज भी सस्‍ता व आसानी से मिलेगा. खासकर इसका फायदा गोल्‍ड लोन लेने वालों को मिलेगा. आरबीआई ने बड़े लोन के लिए भी नियमों में ढील दी गई है. इनमें से कुछ बदलाव तो 1 अक्‍टूबर से लागू हो जाएंगे, लेकिन चार नियमों को अभी सिर्फ प्रस्‍ताव में ही रखा गया है और इस पर हितधारकों से राय मांगी गई है.

रिजर्व बैंक ने जिन नियमों में बदलाव किया है, उसमें सबसे खास है फ्लोटिंग रेट वाले कर्ज पर स्‍प्रेड करने की छूट देना. ग्राहक अब तीन साल की लॉक इन अवधि के पहले भी इसका लाभ उठा सकेंगे. इसका मतलब है कि कर्ज लेने वालों को ब्‍याज दरों में कटौती का जल्‍दी फायदा मिल जाएगा. इसके तहत ईएमआई तो कम होगी ही, ग्राहकों को कम ब्‍याज भी चुकाना पड़ेगा. इसके साथ ही आरबीआई ने यह भी विकल्‍प दिया है कि ग्राहक चाहें तो ब्‍याज दरें कम होने पर अपने लोन को फ्लोटिंग रेट से फिक्‍स्‍ड रेट में बदल सकते हैं.

आरबीआई ने गोल्‍ड लोन और चांदी के बदले कर्ज देने के नियमों को भी आसान कर दिया है. अभी तक सिर्फ एनबीएफसी और शिड्यूल बैंक ही गोल्‍ड लोन दे सकते हैं, लेकिन इस नियम के बदलाव के बाद छोटे बैंक और छोटे सहकारी बैंक (टियर-3 और टियर-4) भी इस तरह के लोन बांट सकेंगे. इसका कर्ज का लाभ उन सभी लोगों को मिलेगा जो सोने का इस्‍तेमाल आपात स्थिति के लिए करते हैं. अभी तक इस तरह के कर्ज सिर्फ ज्‍वैलर्स को ही दिया जाता था. लेकिन, अब कोई भी कारोबारी इस तरह का कर्ज ले सकता है.

ज्‍वैलर्स के लिए शुरू की गई गोल्‍ड मेटल लोन सुविधा की अवधि बढ़ाने का भी आरबीआई ने इंतजाम किया है. अभी तक इसकी अवधि 180 दिन की होती है, जो अब बढ़ाकर 270 दिन किया जा सकता है. इसके अलावा यह लोन ऐसे ज्‍वैलर्स भी ले सकेंगे, जो खुद गहने नहीं बनाते हैं. ऐसे ज्‍वैलर्स आउटसोर्स के जरिये किए जाने वाले काम में इस्‍तेमाल किए जाएंगे. जाहिर है कि इसका फायदा दूसरी जगह से गहने लाकर बेचने वाले छोटे ज्‍वैलर्स को भी मिलेगा.

रिजर्व बैंक ने कर्ज के नियमों में बदलाव के साथ-साथ सिबिल स्‍कोर को लेकर भी नियमों में बदलाव किया है. आरबीआई ने एक प्रस्‍ताव में कहा है कि क्रेडिट देने वाली संस्‍थाओं को अब हर सप्‍ताह इसकी रिपोर्ट देनी होगी. अभी तक यह रिपोर्ट हर 15 दिन में दी जाती है. प्रस्‍ताव में यह भी कहा गया है क्रेडिट की गलतियों को जल्‍दी ठीक किया जा सकेगा. ग्राहक की रिपोर्ट में केवाईसी नंबर भी शामिल किया जाएगा. फिलहाल आरबीआई ने इन सभी प्रस्‍तावों पर राय मांगी है, जो 20 अक्‍टूबर तक देना होगा.