बहनों के लिए शुरू की योजना, लेकिन 14000 पुरुषों को बांट दिए 21 करोड़ रुपए’ विपक्ष की महिला नेत्री ने लगाए आरोप

पुणे: Ladki Bahin Yojana Scam देश की महिलाओं को सबल बनाने के लिए अलग-अलग राज्यों की सरकारें कई तरह की योजनाएं चला रही है। जैसे छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना, मध्यप्रदेश में लाडली बहना योजना और झारखंड में मैया सम्मान योजना। इन योजनाओं की तरह महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने भी ”माझी लाडकी बहिन योजना” की शुरुआत की थी, सिके तहत हर महीने महिलाओं को 1500 रुपए का भुगतान किया जाता है। लेकिन अब विपक्ष ने ”माझी लाडकी बहिन योजना” में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। एनसीपी नेत्री सुप्रिया सुले ने आरोप लगाते हुए कहा है कि महिलाओं के बजाए इस योजना के तहत 14 हजार पुरुषों को हर महीने 1500 रुपए का भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि पुरुषों को अब तक 21 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।

मीडिया से बात करते हुए सुप्रिया सुले ने कहा कि ‘यह पता लगाया जाना चाहिए कि स्कीम का लाभ लेने के लिए इन आदमियों के नाम किसने दर्ज कराए।’ उन्होंने कहा कि सरकार छोटे-छोटे आरोपों में भी सीबीआई या ईडी जांच शुरू कर देती है। अब उसे सीबीआई जांच की घोषणा करनी चाहिए ताकि यह पता लगे कि किस ठेकेदार ने इन पुरुषों का नामांकन किया। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ताधारी गठबंधन सरकार को इस पर जल्द से जल्द ऐक्शन लेना होगा।

वहीं, सुप्रिया सुले के आरोपों पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि ‘किसी भी पुरुष को लाभार्थियों में शामिल करने का कोई कारण नहीं है। अगर ऐसे आदमी हैं तो हम उनकी ओर से अब तक प्राप्त राशि की वसूली करेंगे। यदि वे सहयोग नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि लाडकी बहिन योजना विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए है। योजना के लाभार्थियों की जांच के दौरान कुछ महिलाओं को नौकरी होने के बावजूद योजना के तहत पैसा मिलता पाया गया। उनके नाम हटा दिए गए हैं।

महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने शनिवार रात अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट किया। इसमें बताया गया कि आईटी विभाग के डेटा के अनुसार, लाडकी बहिन योजना के 26.34 लाख लाभार्थी इसके लिए पात्र नहीं थे। कुछ मामलों में पुरुषों ने भी आवेदन किया था। इनके लाभ अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए गए हैं। तटकरे ने कहा कि जिला कलेक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर पात्र लोगों के लाभ फिर से शुरू किए जाएंगे।