हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत हडको मुख्यालय, नई दिल्‍ली में कार्यशाला एवं स्लोगन प्रतियोगिता का सफल आयोजन

हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (हडको) के मुख्यालय, नई दिल्ली में चल रहे हिंदी पखवाड़ा (14 से 29 सितम्बर, 2025) के अंतर्गत आज एक विशेष कार्यशाला एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की थीम थी – “एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज़”

कार्यशाला

कार्यशाला में वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। आमंत्रित वक्ताओं तथा निर्णायकों डॉ. राजा राम यादव, सदस्‍य सचिव, नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति, दिल्‍ली उपक्रम-2 एवं श्री राजीव शर्मा, पूर्व कार्यकारी निदेशक (राजभाषा)-हडको ने अपने विचार रखते हुए कहा कि—

  • हिंदी केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता की आत्मा है।
  • यह राष्ट्र की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक गौरव को जोड़ने वाला सशक्त सेतु है।
  • वैश्विक स्तर पर हिंदी भारत की पहचान और भारतीयता की “वैश्विक आवाज़” बनकर उभर रही है।

श्री शैलेश प्रकाश त्रिपाठी, वरिष्‍ठ कार्यकारी निदेशक (राजभाषा)-हडको एवं श्रीमती राधा रॉय, कार्यकारी निदेशक (राजभाषा) ने यह भी उल्लेख किया कि हडको जैसे सार्वजनिक उपक्रमों में हिंदी का प्रयोग प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाता है और संगठनात्मक संस्कृति में आत्मीयता का वातावरण रचता है।

स्लोगन प्रतियोगिता

कार्यक्रम के दौरान ‘भारत और भारतीयता की पहचान हिन्‍दी’ विषय पर आयोजित स्लोगन प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने विषयानुरूप प्रभावशाली और प्रेरणादायी नारे प्रस्तुत किए। नारों की रचनात्मकता, संदेश की स्पष्टता एवं मौलिकता के आधार पर विजेताओं का चयन किया।

प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान और सांत्‍वना पुरस्‍कार प्राप्त करने वाले स्‍थायी/अस्‍थायी कार्मिकों को पखवाड़ा समापन समारोह के दिन 29 सितम्‍बर को सम्मानित किया जाएगा।

उपलब्धियॉं:

  1. एआई पर आधारित किताब का विमोचन : 14 सितंबर 2025 को गांधी नगर, गुजरात में आयोजित हिंदी दिवस एवं पांचवे अखिल भारतीय राजभाषा सम्‍मेलन में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार एवं हडको द्वारा संयुक्‍त रूप से एआई पर प्रकाशित किताब का विमोचन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के साथ हडको के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री संजय कुलश्रेष्‍ठ ने मंच साझा करते हुए किया । यह किताब देश के सभी पीएमश्री (केन्‍द्रीय विद्यालय) के विद्यार्थियों तक पहुंचाई जाएगी ।
  2. राजभाषा कीर्ति पुरस्‍कार : 14 सितंबर को ही पांचवे अखिल भारतीय राजभाषा सम्‍मेलन में हडको मुख्‍यालय, नई दिल्‍ली को वर्ष 2024-25 के लिए हिंदी के सर्वोच्‍च पुरस्‍कार ”राजभाषा कीर्ति पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया । हडको की ओर से यह पुरस्‍कार श्रीमती राधा रॉय, कार्यकारी निदेशक(राजभाषा) ने ग्रहण किया ।
  3. हडको की गृह पत्रिका ‘आवास ध्‍वनि’ को नराकास का प्रथम पुरस्‍कार : वर्ष 2024-25 के लिए हडको की गृह पत्रिका ‘आवास ध्‍वनि’ को नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति, दिल्‍ली उपक्रम-2 द्वारा प्रथम पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया । हडको की ओर से श्रीमती राधा रॉय, कार्यकारी निदेशक(राजभाषा) एवं डॉ. रेखा चंदोला, वरि.प्रबंधक(राजभाषा) ने यह पुरस्‍कार ग्रहण किया ।

    आगे की गतिविधियाँ

    हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत हडको मुख्यालय में शुक्रवार 19 सितंबर को ‘पेपरलेस ऑफिस विषय पर संगोष्‍ठी एवं अनुच्‍छेद लेखन प्रतियोगिता सोमवार 22 सितंबर को सरल, सहज एवं सुगम हिंदी का प्रयोग विषय पर कार्यशाला तथा आशुभाषण प्रतियोगिता और 29 सितंबर को 175वीं विशेष तिमाही हिन्‍दी बैठक, क्षेत्रीय कार्यालयों की पत्रिकाओं का विमोचन, पुरस्‍कार वितरण तथा पखवाड़ा समापन समारोह का आयोजन किया जाएगा । इन गतिविधियों का उद्देश्य कर्मचारियों को हिंदी में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित करना और भाषा के प्रति आत्मीयता एवं गर्व की भावना को बढ़ावा देना है।

    संदेश

    इस अवसर पर वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि हिंदी का प्रयोग केवल सरकारी दायरे तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह हमारी रोजमर्रा की कार्यसंस्कृति का अभिन्न अंग बने। हिंदी को अपनाकर ही हम “एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज़” को सशक्त बना सकते हैं।

    इस आयोजन को सफल बनाने में राजभाषा अनुभाग, हडको मुख्‍यालय, नई दिल्‍ली की डॉ. रेखा चंदोला, वरि. प्रबंधक (राजभाषा), श्रीमती पूर्णिमा कोहलीवाल, वरि. प्रबंधक (सचि.-राज.), श्री सुरेश कुमार, वरि. प्रबंधक (प्रशासन), श्रीमती सुनीता, वरि. प्रबंधक (आई.टी.), श्री मयंक मोहन, प्रशिक्षु हिंदी अनुवादक, श्री सुमित गुप्‍ता, प्रशिक्षु हिंदी अनुवाद एवं कु. पूजा, प्रशिक्षु हिंदी अनुवादक का उल्‍लेखयनीय योगदान रहा । मंच संचालन एवं आभार प्रदर्शन श्री अजय कुमार शर्मा, प्रबंधक (सचिवीय-राजभाषा) ने किया ।