Akhilesh Yadav Diwali Controversy

Akhilesh Yadav Diwali Controversy: दीये जलाने को पैसे की बर्बादी बताने पर भाजपा का पलटवार

विवादित बयान से सियासी तूफान

समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा दीपावली पर दिए और मोमबत्तियां जलाने को “पैसे की बर्बादी” बताने वाले बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को इस टिप्पणी को “हिंदू परंपराओं के प्रति चौंकाने वाला और असंवेदनशील” करार दिया।

अखिलेश यादव ने क्या कहा था?

शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान अखिलेश यादव ने कहा था —

“दुनिया में क्रिसमस के दौरान शहर खूबसूरती से जगमगा उठते हैं और यह रोशनी महीनों तक चलती है। हमें इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। दीयों और मोमबत्तियों पर इतना पैसा खर्च करने की क्या ज़रूरत है? हमें इस पर पुनर्विचार करना चाहिए कि सरकार से क्या उम्मीद की जाए।”

उनके इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने इसे दीपावली और हिंदू आस्था पर सीधा हमला बताया।

अमित मालवीय का पलटवार

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा —

“अखिलेश यादव का बयान न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि हमारे त्योहारों के प्रति असंवेदनशीलता दर्शाता है। दीपावली केवल रोशनी का त्योहार नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।
दीये और मोमबत्तियां हमारी परंपरा और भक्ति का प्रतीक हैं, इन्हें पैसे की बर्बादी कहना हिंदू धर्म का अपमान है।”

उन्होंने आगे कहा कि अखिलेश यादव को भारत की विविध परंपराओं का सम्मान करना चाहिए — “यही सच्ची धर्मनिरपेक्षता है।”

भाजपा नेताओं ने दी तीखी प्रतिक्रिया

भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने आईएएनएस से कहा —

“कम से कम ‘मौलाना’ अखिलेश यादव हमें यह न बताएं कि दीपावली कैसे मनाई जाए। दीये और पटाखे जलाना भारत की संस्कृति का हिस्सा है, लेकिन अखिलेश यादव केवल वोट बैंक की राजनीति में रुचि रखते हैं।”

वहीं विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा —

“अखिलेश यादव के पिताजी भी दीप जलाने से नहीं रोक पाए थे। अब तो पूरे विश्व में सनातन का दिया जल रहा है, इसे कोई नहीं रोक सकता।”

अयोध्या दीपोत्सव की तैयारी

विवाद ऐसे समय में उभरा है जब अयोध्या अपने नौवें दीपोत्सव के भव्य समापन की तैयारी में जुटी है।
सोमवार को सरयू नदी के किनारे 56 घाटों पर 26,11,101 दीये जलाए जाएंगे, जिससे एक नया विश्व रिकॉर्ड बन सकता है।