घुसपैठिए तय करेंगे, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ?

लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लोकतंत्र की मजबूती के लिए अनिवार्य बताया। उन्होंने कहा कि 2004 तक किसी भी दल ने एसआईआर का विरोध नहीं किया था और यह प्रक्रिया हमेशा चुनावों की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अपनाई जाती रही है।

उन्होंने कहा कि यदि मतदाता सूची ही सटीक नहीं होगी तो चुनावों की निष्पक्षता प्रभावित होगी, इसलिए 2025 में चुनाव आयोग ने एसआईआर कराने का निर्णय लिया है। उनका कहना था कि स्वच्छ मतदाता सूची लोकतांत्रिक व्यवस्था की बुनियाद है।

अमित शाह ने कहा कि एक व्यक्ति का एक से अधिक स्थानों पर वोट नहीं होना चाहिए और मृत लोगों के नाम सूची में बने रहना गंभीर समस्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दल इसे राजनीतिक स्वार्थ के कारण मुद्दा बना रहे हैं।

राहुल गांधी द्वारा हरियाणा में एक ही घर में 501 वोटरों के दावे पर भी अमित शाह ने चुनाव आयोग की रिपोर्ट का उल्लेख किया। आयोग ने बताया कि यह एक संयुक्त परिवार का बड़ा पुश्तैनी आवास है, इसलिए सभी का एक ही घर नंबर दर्ज है।

उन्होंने यह भी कहा कि दोहरी प्रविष्टियां अक्सर सिस्टम की त्रुटियों के कारण होती हैं और 2010 में नियम बदलने से रिटर्निंग ऑफिसर के पास इन्हें हटाने का अधिकार नहीं रहा। उन्होंने जोर दिया कि एसआईआर इन समस्याओं को दूर करने की प्रक्रिया है, फिर भी सरकार पर अनावश्यक आरोप लगाए जा रहे हैं।