परिधान निर्यात अप्रैल-सितंबर में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 7.5 अरब डॉलर

वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद देश का परिधान निर्यात चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल-सितंबर के दौरान 8.5 प्रतिशत बढ़कर 7.5 अरब डॉलर हो गया।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में भी तैयार (रेडीमेड) परिधानों का निर्यात 17.3 प्रतिशत बढ़कर 1.11 अरब डॉलर हो गया।

परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा कि वैश्विक प्रतिकूलताओं तथा निरंतर मुद्रास्फीति दबाव के बावजूद भारत के निर्यात में उच्च वृद्धि दर्ज की गई है।

उन्होंने कहा कि यहां तक ​​कि प्रमुख परिधान निर्यातक देशों में भी हाल के महीनों में तैयार (रेडीमेड) परिधानों (आरएमजी) के निर्यात की वृद्धि में मंदी देखी गई है।

सेखरी ने कहा, ‘‘ भारत एक विशिष्ट स्थिति में है, जहां आयात पर निर्भरता कम है। फाइबर से लेकर फैशन तक संपूर्ण परिवेश मौजूद है। श्रम शक्ति प्रचुर व युवा है, इसलिए वृद्धि की संभावनाएं असीमित हैं।’’

सेखरी ने कहा कि इस साल निर्यातक कई बड़े अंतरराष्ट्रीय मेलों में हिस्सा लेंगे और 2025 में फिर से ‘भारत टेक्स’ की मेजबानी करेंगे ताकि वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति बढ़ाई जा सके।

परिषद इस महीने स्पेन तथा न्यूयॉर्क में अंतरराष्ट्रीय रोड शो भी आयोजित करेगी, जिसमें व्यापार, प्रौद्योगिकी तथा परंपरा का बेहतरीन प्रदर्शन किया जाएगा।

एईपीसी के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा कि भारत ने अप्रयुक्त क्षमता का दोहन शुरू कर दिया है। भू-राजनीतिक चुनौतियों तथा आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों के बावजूद पिछले कुछ महीनों में तैयार परिधानों के निर्यात में प्रभावशाली दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है।

ठाकुर ने कहा, ‘‘ यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि पूरी दुनिया भारत को पसंदीदा ‘सोर्सिंग’ गंतव्य के रूप में देखने लगी है।’’

इस क्षेत्र के प्रमुख निर्यात गंतव्य अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, स्पेन और नीदरलैंड हैं।

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