परिचय:
असम अकॉर्ड का क्लॉज सिक्स, जिसे असम के मूल निवासियों के लिए संवैधानिक, विधायी, और प्रशासनिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से पेश किया गया था, अब अंततः लागू किया जाएगा। पिछले 40 वर्षों से असम के स्थानीय निवासियों द्वारा इस मांग को उठाया जा रहा था। अब, असम की सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए क्लॉज सिक्स को लागू करने का फैसला किया है। यह कदम ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि असम के लोग लंबे समय से अपनी पहचान और अस्तित्व के खतरे के बारे में चिंतित थे।
असम अकॉर्ड और उसकी पृष्ठभूमि:
असम अकॉर्ड 1985 में हस्ताक्षरित हुआ था, जो 1979-1985 के बीच चले एंटी-फॉरेनर्स आंदोलन के बाद की एक महत्वपूर्ण संधि थी। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य असम में बाहरी लोगों, विशेष रूप से बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों को रोकना था, जो 1971 के बांग्लादेश युद्ध के बाद बड़ी संख्या में असम में बस गए थे। इससे असम की जनसांख्यिकी में बदलाव आया, और असम के स्थानीय लोग धीरे-धीरे अल्पसंख्यक होते जा रहे थे। इसी खतरे को महसूस करते हुए असम के लोगों ने अपनी पहचान और सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए संघर्ष शुरू किया।
क्लॉज सिक्स का महत्व:
क्लॉज सिक्स असम के मूल निवासियों को संवैधानिक सुरक्षा की गारंटी देता है। इसका उद्देश्य असम की स्थानीय जनसंख्या को जनसांख्यिकीय और सांस्कृतिक आधार पर सुरक्षित रखना है। हालांकि, इस क्लॉज को कई दशकों से लागू नहीं किया जा सका था, जिसकी वजह से असम में असंतोष और संघर्ष बढ़ता गया।
जस्टिस विप्लव शर्मा कमेटी की सिफारिशें:
2019 में, जस्टिस विप्लव शर्मा के नेतृत्व में एक समिति बनाई गई थी, जिसे क्लॉज सिक्स के कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें देनी थीं। इस कमेटी ने 67 सिफारिशें दीं, जिनमें से 39 सिफारिशें असम राज्य सरकार के दायरे में आती हैं, 12 सिफारिशें राज्य और केंद्र सरकार द्वारा मिलकर लागू की जानी हैं, जबकि शेष 16 सिफारिशें केवल केंद्र सरकार द्वारा ही लागू की जा सकती हैं। इस रिपोर्ट में खासतौर पर कहा गया था कि असम में अवैध प्रवासियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे स्थानीय समुदायों की पहचान खतरे में है।
असम सरकार की कार्ययोजना:
असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने हाल ही में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें क्लॉज सिक्स के कार्यान्वयन पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक के बाद, सरकार ने घोषणा की कि वह आगामी एक महीने में एक रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसमें क्लॉज सिक्स के तहत कौन-कौन सी सिफारिशें लागू की जा सकती हैं, इसका विवरण होगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर AASU और अन्य संबंधित पक्ष इस रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं, तो 15 अप्रैल, 2024 तक क्लॉज सिक्स को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
क्लॉज सिक्स का कार्यान्वयन और संभावित प्रभाव:
क्लॉज सिक्स के कार्यान्वयन से असम के मूल निवासियों को कई तरह की संवैधानिक सुरक्षा मिलेगी। इनमें से मुख्य सिफारिशें निम्नलिखित हैं:
- राजनीतिक और प्रशासनिक सुरक्षा: असम की संसदीय और विधानसभा सीटों पर 80-100% आरक्षण असम के स्थानीय लोगों के लिए होना चाहिए।
- जमीन के अधिकार: असम की भूमि केवल असम के स्थानीय निवासियों के बीच ही हस्तांतरित हो सकेगी, ताकि बाहरी लोग स्थानीय जमीन पर कब्जा न कर सकें।
- भाषाई संरक्षण: असम की सरकारी भाषा असमिया होगी, विशेष रूप से असम की अधिकांश आबादी वाले क्षेत्रों में। हालांकि, बराक वैली और कुछ हिल क्षेत्रों में स्थानीय भाषाओं को भी मान्यता दी जाएगी।
AASU की प्रतिक्रिया:
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने इस बैठक को सकारात्मक संकेत बताया है। उन्होंने कहा कि क्लॉज सिक्स का कार्यान्वयन असम के मूल निवासियों के अस्तित्व को बचाने का एकमात्र रास्ता है। AASU के नेताओं ने सरकार से इस प्रक्रिया को तेज करने और जल्द से जल्द इसे लागू करने की अपील की है।
राजनीतिक आयाम:
क्लॉज सिक्स का कार्यान्वयन असम की राजनीतिक स्थिति को भी प्रभावित करेगा। 2026 में असम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और ऐसे में असम सरकार का यह कदम स्थानीय निवासियों के बीच समर्थन बढ़ाने में मदद कर सकता है। खासकर जब से असम में बाहरी लोगों के आगमन से संबंधित मुद्दे कई वर्षों से महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दे रहे हैं।
निष्कर्ष:
असम अकॉर्ड का क्लॉज सिक्स असम के मूल निवासियों के लिए एक ऐतिहासिक सुरक्षा कवच है। इसका कार्यान्वयन असम की सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय पहचान को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हालांकि, इसका सफलतापूर्वक और समयबद्ध कार्यान्वयन करना सरकार के लिए एक चुनौती होगी, लेकिन यदि इसे लागू किया जाता है, तो यह असम के लिए एक नई दिशा और स्थिरता लाने वाला कदम साबित हो सकता है।