केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने बताया है कि असम में तीन स्थानों पर बाढ़ की गंभीर स्थिति बन रही है। 28 मई से अब तक बाढ़ और तूफान के कारण 18 लोगों की मौत हो चुकी है। भारी बारिश के चलते कई नदियों का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
सीडब्ल्यूसी के अनुसार, असम में तीन स्थानों पर नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को छू रहा है। इसके अतिरिक्त, तीन अन्य स्थानों पर भी बाढ़ की स्थिति सामान्य से ऊपर बनी हुई है। बाढ़ के कारण 39,000 से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा है और विभिन्न जिलों में 193 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों द्वारा लगातार राहत और बचाव कार्य किए जा रहे हैं।
असम की बुरीदेहिंग नदी का जलस्तर सोमवार सुबह 11 बजे तक 133.54 मीटर दर्ज किया गया, जो संभावित खतरे का संकेत हो सकता है। सोनितपुर जिले में जियाभराली नदी का जलस्तर 77.30 मीटर पर पहुंच गया है, जो सामान्य से ऊपर है और बाढ़ की स्थिति को दर्शा रहा है। मोरीगांव और नागांव जिलों में कोपिली नदी भी उफान पर है, जिसके चलते गंभीर बाढ़ की स्थिति बन गई है। मोरीगांव के धरमातुल में कोपिली नदी का जलस्तर 56.42 मीटर है, जो खतरे के निशान से 0.42 मीटर ऊपर है, जबकि नागांव के कामपुर में यह 61.04 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान से 0.54 मीटर ऊपर है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, बाढ़ से 13 जिलों में पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। इससे पहले शनिवार को एएसडीएमए ने बताया था कि 10 जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या छह लाख से अधिक थी। बाढ़ और तूफान के कारण कछार में दो और नागांव में एक व्यक्ति की मौत हुई है। इस प्रकार, 28 मई से अब तक बाढ़ और तूफान में मारे गए लोगों की संख्या 18 हो चुकी है।