किडनी स्टोन बढ़ने का बड़ा कारण गलत लाइफस्टाइल

गलत खानपान और पानी की कमी बढ़ा रही किडनी स्टोन का खतरा, आयुर्वेद ने बताए प्राकृतिक उपाय

आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में खराब खानपान, कम पानी पीना और अनियमित आदतें शरीर में कई तरह की समस्याओं का कारण बन रही हैं। इन्हीं में से एक है किडनी स्टोन, जो अब युवाओं में भी तेजी से बढ़ने लगी है। चिकित्सकों के अनुसार शुरुआती चरण में पथरी को दवाओं से ठीक किया जा सकता है, लेकिन जटिल स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।

आयुर्वेद में किडनी स्टोन को अश्मरी रोग कहा गया है, जिसका अर्थ है शरीर में कठोर संरचना का बनना। आयुर्वेद मानता है कि शरीर में वात, पित्त और कफ तीनों दोषों के असंतुलन से मूत्रमार्ग में खनिज और लवण जमने लगते हैं, जो समय के साथ पत्थर का रूप ले लेते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि पानी की कमी, अत्यधिक नमक, मसालेदार भोजन, मांसाहार, ज्यादा प्रोटीन वाली डाइट और भोजन के बाद तुरंत लेट जाना इस समस्या को और बढ़ाते हैं। पाचन शक्ति कमजोर होने पर भोजन पूरी तरह नहीं पचता और लंबे समय में किडनी स्टोन का खतरा बढ़ जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार छोटी पथरी के शुरुआती चरण में कुछ प्राकृतिक उपायों से राहत मिल सकती है।
नारियल पानी दिन में दो बार पीने से शरीर में ठंडक रहती है और यूरिन पतला होता है, जिससे पथरी निकलने में मदद मिलती है।
तुलसी और शहद का मिश्रण पित्त को संतुलित करता है और पथरी बनने की प्रक्रिया को धीमा करता है। इसे रोजाना लेने की सलाह दी जाती है।
लौकी का रस भी मूत्रमार्ग में होने वाली सूजन और संक्रमण को कम करता है। इसका सेवन सुबह खाली पेट लाभकारी माना गया है।

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के परामर्श से गोखरू और गोकुलाक्षी क्वाथ चूर्ण का उपयोग भी किया जा सकता है, जो मूत्रमार्ग की सफाई में सहायक होते हैं और पथरी को तोड़ने की क्षमता रखते हैं।

विशेषज्ञ मानते हैं कि समय पर पानी पीना, संतुलित आहार और सही जीवनशैली अपनाकर किडनी स्टोन की समस्या से काफी हद तक बचाव संभव है।