बांग्लादेश में अशांति से भारत के समग्र व्यापार संतुलन पर असर पड़ने की संभावना नहीं: एसएंडपी

नयी दिल्ली, छह अगस्त भारत एक विविध निर्यातक देश है और बांग्लादेश से निर्यात में गिरावट से समूचे वित्त वर्ष की उसकी समग्र व्यापार स्थिति पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को यह बात कही।

बांग्लादेश 1971 में स्वतंत्रता के बाद से अपने सबसे खराब राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। वहां भारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा।

बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने सोमवार को घोषणा की थी कि एक अंतरिम सरकार देश की बागडोर संभालेगी।

सॉवरेन एंड इंटरनेशनल पब्लिक फाइनेंस रेटिंग्स के निदेशक (एशिया-प्रशांत) एंड्रयू वुड ने कहा, ‘‘ एसएंडपी को उम्मीद है कि इस दौरान बांग्लादेश में घरेलू मांग की स्थिति कमजोर रहेगी और संभवतः भारत सहित अन्य देशों से बांग्लादेश में निर्यात को कम समर्थन मिलेगा। ’’

उन्होंने एक वेबिनार में कहा, ‘‘ भारत एक विविध निर्यातक है और उसका व्यापार बांग्लादेश जैसी अर्थव्यवस्थाओं के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों से काफी बड़ा है।’’

वुड ने कहा, ‘‘ इसका जो भी प्रत्यक्ष प्रभाव होगा, उससे वित्त वर्ष की समग्र व्यापार स्थिति पर कोई सार्थक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है… ’’

बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है, जबकि भारत एशिया में पड़ोसी देश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है।

वित्त वर्ष 2022-23 में बांग्लादेश को भारत का निर्यात 12.21 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 2023-24 में 11 अरब डॉलर रह गया।

भारत के मुख्य निर्यात में सब्जियां, कॉफी, चाय, मसाले, चीनी, रिफाइंड पेट्रोलियम तेल, रसायन, कपास, लोहा और इस्पात तथा वाहन आदि शामिल हैं। मुख्य आयातित चीजों में मछली, प्लास्टिक, चमड़ा और परिधान आदि शामिल हैं।

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