बांके बिहारी कॉरिडोर: अलौकिक स्वरूप में दिखेगा वृंदावन, रोड मैप हुआ तैयार… ब्रजवालों की होगी चांदी ही चांदी

बांके बिहारी मंदिर : श्रीबांकेबिहारी कॉरिडोर निर्माण के साथ ही श्रीराधा-कृष्ण की लीला स्थली वृंदावन के अलौकिक स्वरूप को और निखारने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने पिछले कई माह की मशक्कत के बाद वृंदावन के विकास की योजना तैयार की है।

इससे न केवल कॉरिडोर के आसपास परिक्रमा मार्ग और यमुना के प्राचीन घाटों का पौराणिक स्वरूप देखने को मिलेगा, बल्कि वन-उपवन सहित अनेक जनसुविधाओं का भी विकास होगा। इससे कृष्ण भक्त आध्यात्मिक भूमि पर अद्भुत आनंद की अनुभूति कर सकेंगे। जिला प्रशासन और ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने कॉरिडोर के साथ ही वृंदावन के विकास का भी रोड मैप तैयार किया है। इसकी जानकारी दो दिन पहले पर्यटन सुविधा केंद्र पर व्यापारियों के साथ बैठक करते हुए मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह ने भी दी थी।

इस योजना के तहत कॉरिडोर के सामने ही यमुना पर भव्य सिग्नेचर ब्रज भी बनेगा, जो वृंदावन में वाहनों की भीड़ को नियंत्रित करेगा। कॉरिडोर के निकट ही यमुना रिवर फ्रंट विकसित होगा। परिक्रमा मार्ग के विकास के लिए भी योजना तैयार की गई है। इनके साथ ही पर्यटकों की सुविधाओं के लिए अनेक योजनाएं बनाई गई हैं। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि कॉरिडोर बनने के साथ ही आध्यात्मिक नगरी वृंदावन में विकास कार्यों की नवीन शृंखला शुरु होगी।

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनने के बाद मथुरा-वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं को संख्या में इजाफा होगा। इससे पर्यटन हब के रूप में विकसित करने का भी रास्ता सुगम होगा। वर्तमान स्थिति के सापेक्ष दोगुनी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। 

स्थानीय प्रशासन और कारोबारियों का मानना है कि जैसे-जैसे सुविधाओं में विस्तार होता है। लोगों का रुझान उन स्थानों के प्रति बढ़ता है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर इसका ताजा उदाहरण है। वहां अब दोगुनी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रीबांके बिहारी की धूम विदेशों में भी है। काशी नरेश से ज्यादा वृंदावन के बांके के भक्त दुनिया में हैं।

यह दावा पर्यटन विभाग के आंकड़े बताते हैं। विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में मथुरा जिले में करीब 21.96 करोड़ श्रद्धालुओं आए हैं। इसमें सबसे अधिक 2.55 करोड़ श्रद्धालु वृंदावन में श्रीबांकेबिहारी के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। इसमें 70 हजार विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में आगरा के बाद सबसे अधिक विदेशी मथुरा में आते हैं। ब्रज में आने वाले भारतीय और विदेशी श्रद्धालुओं के लिए वृंदावन के श्री बांके बिहारी सबसे प्रमुख हैं। इसके अलावा गोवर्धन, कुसुम सरोवर, राधाकुंड, गोकुल, बरसाना, नंदगांव, महावन भी शामिल हैं।

कॉरिडोर निर्माण के बाद श्रद्धालुओं में होगी दोगुना बढ़ोतरी
अधिकारियों के मुताबिक, मथुरा-वृंदावन में आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। हर साल आठ से 10 लाख पर्यटकों में इजाफा हो रहा है। अधिकारियों का दावा है कि कॉरिडोर निर्माण के बाद आकंड़ा दो गुना हो जाएगा।

वृंदावन में साल दर साल बढ़ रहे श्रद्धालु
वर्ष-श्रद्धालुओं की संख्या
2021-90 (लाख ) कोविड के चलते हुए कम
2022-1.25 (करोड़)
2023-1.75 (करोड़)
2024-2.55 (करोड़)
(नोट-विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं)