परिचय
जौ, जिसे अंग्रेजी में “बारले” कहा जाता है, एक ऐसा अनाज है जो हमारे इतिहास, संस्कृति और स्वास्थ्य में गहरी जड़ें जमा चुका है। वेदों और शास्त्रों में इसका उल्लेख है और इसे “यव” के नाम से जाना जाता था। यह न केवल हमारे धार्मिक अनुष्ठानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक लाभकारी है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
जौ का उपयोग हमारे जीवन के हर महत्वपूर्ण अवसर पर होता है। जन्म के समय हवन में, मृत्यु के पश्चात के कर्मकांडों में और नवरात्रि के समय खेत्री में जौ का प्रयोग होता है। इसे दैविक गुणों का धनी माना जाता है, और यह हमारे स्वास्थ्य के लिए अमूल्य होता है।
स्वास्थ्य लाभ
जौ में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं जो हमें विभिन्न बीमारियों से बचाते हैं। यह लगभग 180 बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखता है। आइए, जौ के कुछ प्रमुख स्वास्थ्य लाभों पर नजर डालते हैं:
- पित्त और कफ शामक: आयुर्वेद के अनुसार, जौ पित्त और कफ को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
- बारले वाटर: जौ का पानी पीने से कई बीमारियों से बचाव होता है। इसे बनाने के लिए जौ को रातभर भिगोकर, सुबह मसलकर या उबालकर तैयार किया जाता है।
- आंखों के लिए लाभकारी: पुराने समय में जौ का सेवन करने वाले लोग कभी चश्मा नहीं पहनते थे। यह आंखों की रोशनी को दुरुस्त रखता है।
- हड्डियों को मजबूती: जौ में फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं।
- बच्चों के स्वास्थ्य के लिए: जौ का रस बच्चों को देने से उनकी हड्डियां मजबूत होती हैं और अस्थमा जैसी बीमारियों से बचाव होता है।
- खांसी और जुकाम: बदलते मौसम में खांसी-जुकाम से बचने के लिए जौ का सत्तू शहद के साथ लेना लाभकारी होता है।
- डिप्थीरिया और गोइटर: जौ के रस में काली मिर्च, मिश्री और गाय का घी मिलाकर सेवन करने से डिप्थीरिया और गोइटर जैसी बीमारियों से बचाव होता है।
- डायबिटीज: जौ में सॉल्युबल और इनसॉल्युबल फाइबर्स होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करते हैं।
- पाचन संबंधी समस्याएं: जौ का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज की समस्या नहीं होती।
- गठिया और जोड़ों का दर्द: जौ की रोटी खाने से गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
- त्वचा और बालों के लिए: जौ में आयरन, कैल्शियम, विटामिन B6 और B12 होते हैं, जो त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद होते हैं।
- वजन नियंत्रण: जौ के छिलके में मौजूद फाइबर्स वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
न्यूट्रिशनल वैल्यू
100 ग्राम जौ में:
- 354 कैलोरीज
- 2.3 ग्राम फैट्स
- 0 ग्राम कोलेस्ट्रॉल
- 12 मिलीग्राम सोडियम
- 452 मिलीग्राम पोटेशियम
- 73 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स
- 17 ग्राम डाइटरी फाइबर
- 0.8 ग्राम शुगर
- 12 ग्राम प्रोटीन
- 3% कैल्शियम
- 19% आयरन
- 33% मैग्नीशियम
जौ के उपयोग
जौ का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जा सकता है:
- जौ का पानी: जौ के दानों को उबालकर या भिगोकर बनाया जा सकता है।
- अंकुरित जौ: इसे अंकुरित करके सलाद के रूप में खाया जा सकता है।
- जौ की रोटी: जौ के आटे से रोटी बनाकर खाई जा सकती है।
- जौ का दलिया: बच्चों के लिए जौ का दलिया बनाकर देना लाभकारी होता है।
- जौ का सत्तू: जौ का सत्तू शहद या मिश्री के साथ सेवन करने से कई लाभ होते हैं।
निष्कर्ष
जौ एक अत्यंत पौष्टिक और लाभकारी अनाज है, जिसका नियमित सेवन करने से न केवल हमारे स्वास्थ्य को लाभ होता है बल्कि हमें कई बीमारियों से भी बचाव मिलता है। यह हमारी संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए, जौ को अपने आहार में शामिल करके हम एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जी सकते हैं।
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