वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी भारतपे ने उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ समझौता कर लिया है। इसके साथ ही दोनों के बीच महीनों से जारी कानूनी और सार्वजनिक विवाद समाप्त हो गया। दोनों पक्षों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
इस समझौते के तहत ग्रोवर किसी भी क्षमता में भारतपे से जुड़े नहीं रहेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे।
भारतपे और ग्रोवर ने अलग-अलग बयानों में कहा, ग्रोवर अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा भारतपे के निदेशक मंडल को हस्तांतरित करेंगे और बाकी का प्रबंधन पारिवारिक न्यास द्वारा किया जाएगा। इससे वह कंपनी से पूरी तरह अलग हो जाएंगे। इसके अलावा दोनों पक्ष कानूनी मामलों को आगे नहीं बढ़ाएंगे।
यह समझौता दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा भारतपे के कोष के दुरुपयोग के आरोप में दीपक गुप्ता को गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिन बाद हुआ है। गुप्ता, अशनीर ग्रोवर की पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर की बहन के पति हैं।
भारतपे ने बयान में कहा, ‘‘ ग्रोवर के कुछ शेयर कंपनी के लाभ के लिए ‘रेसिलिएंट ग्रोथ ट्रस्ट’ को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे और उनके शेष शेयरों का प्रबंधन उनके पारिवारिक न्यास द्वारा किया जाएगा।’’
बयान में कहा गया, ‘‘ दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है।’’
ग्रोवर को मार्च 2022 में कंपनी के निदेशक मंडल ने भारतपे के प्रबंध निदेशक के पद से हटा दिया था। तब से, दोनों पक्ष लगातार कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे।