केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और मध्यम वर्ग की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दो प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी गई है:
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM Rashtriya Krishi Vikas Yojana)
- कृषोन्नति योजना (Krishonnati Yojana)
इन दोनों योजनाओं के तहत कुल 1,01,321 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें 9 अलग-अलग योजनाओं का समावेश है। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आय को बढ़ाने, खाद्य उत्पादन में वृद्धि करने और भारत की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना है।
कृषोन्नति योजना के तहत 9 प्रमुख योजनाएं
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन
- खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन – ऑयल पाम
- राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – तिलहन
- एकीकृत बागवानी विकास मिशन
- कृषि विस्तार पर उप-मिशन
- पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन
- कृषि विपणन हेतु एकीकृत योजना
- डिजिटल कृषि मिशन
- कृषि जनगणना, आर्थिक एवं सांख्यिकी की एकीकृत योजना
खाद्य तेल उत्पादन में वृद्धि का लक्ष्य
कृषोन्नति योजना के तहत National Mission on Edible Oil – Oilseeds योजना को भी मंजूरी दी गई है, जिसके तहत सरकार का लक्ष्य है कि 2031 तक भारत में खाद्य तेलों का उत्पादन 1.27 करोड़ टन से बढ़ाकर 2 करोड़ टन किया जाए। यह योजना किसानों की आय को बढ़ाने और तेल उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक अहम कदम है।
योजना के बजट का विवरण
1,01,321 करोड़ रुपये के कुल व्यय में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग का केंद्रीय हिस्सा 69,088.98 करोड़ रुपये होगा, जबकि राज्यों का हिस्सा 32,232.63 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। कृषि विकास योजना के लिए 57,074.72 करोड़ रुपये और कृषोन्नति योजना के लिए 44,246.89 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बड़ा कदम: चेन्नई मेट्रो
केंद्रीय कैबिनेट ने चेन्नई मेट्रो के दूसरे चरण को भी मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत 63,246 करोड़ रुपये होगी। इस परियोजना में 50-50 फीसदी हिस्सेदारी भारत सरकार और तमिलनाडु सरकार की होगी। दूसरे चरण में 119 किलोमीटर की लंबाई और 120 स्टेशन होंगे, जिससे नागरिकों को सुगम आवागमन में मदद मिलेगी। चेन्नई मेट्रो का यह विस्तार चेन्नई शहर के भविष्य के जनसंख्या वृद्धि के अनुमान को ध्यान में रखकर किया जा रहा है, जिसमें 2026 तक 1.26 करोड़ और 2048 तक 1.80 करोड़ जनसंख्या होने की संभावना है।
निष्कर्ष
केंद्र सरकार का यह फैसला न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, बल्कि मध्यम वर्ग की खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। साथ ही, इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उठाए गए कदम आने वाले वर्षों में शहरी विकास को भी गति देंगे।