मोदी सरकार के बड़े फैसले: जनगणना और एक राष्ट्र-एक चुनाव की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जल्द ही कई महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान करने जा रही है। वन नेशन वन इलेक्शन (एक राष्ट्र-एक चुनाव) और देशव्यापी जनगणना की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो सकती है। यह जानकारी टॉप सरकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है।

वन नेशन वन इलेक्शन: क्या है मोदी सरकार की योजना?

मोदी सरकार के एजेंडे में सबसे प्रमुख योजनाओं में से एक है वन नेशन वन इलेक्शन। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से इस बात का जिक्र किया था कि देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराया जाना चाहिए। एनडीए सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है, और इस कार्यकाल में इसे वास्तविकता में बदलने की पूरी कोशिश की जा रही है।

जनगणना की प्रक्रिया: मोदी सरकार की बड़ी पहल

मोदी सरकार जल्द ही पूरे देश में जनगणना प्रक्रिया शुरू कर सकती है। यह जनगणना लंबे समय से रुकी हुई थी, लेकिन अब इसे जल्द ही पूरा किया जाएगा। जनगणना में जाति आधारित डेटा शामिल करने को लेकर सरकार में चर्चा जारी है, हालांकि इस पर अंतिम फैसला अभी तक नहीं हुआ है। विपक्षी दल जैसे कांग्रेस, राजद, और सपा समेत एनडीए के कुछ सहयोगी दल भी जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं।

भाजपा के घोषणापत्र के बड़े वादे पूरे

मोदी सरकार ने अपने 2014 के चुनावी घोषणापत्र में किए गए कई बड़े वादों को पूरा किया है, जैसे:

  • अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण,
  • जम्मू कश्मीर में धारा 370 को हटाना,
  • और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू करना।

अब, भाजपा की नज़र वन नेशन वन इलेक्शन के वादे को पूरा करने पर है। यह कदम न केवल चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाएगा, बल्कि इससे चुनाव पर होने वाला खर्च भी कम होगा।

भाजपा की कम सीटें, फिर भी एजेन्डे पर कायम

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को 2014 और 2019 के मुकाबले कम सीटें मिली हैं, लेकिन पार्टी के टॉप सूत्रों के अनुसार, इसके बावजूद भी भाजपा अपनी प्रमुख योजनाओं और एजेंडे पर काम करना जारी रखेगी।

राजनीतिक समर्थन जुटाने की कोशिश

वन नेशन वन इलेक्शन के लिए सरकार अन्य राजनीतिक दलों से समर्थन जुटाने की कोशिश कर रही है। भाजपा चाहती है कि सभी दल इस बड़े फैसले में साथ आएं और देश की चुनावी व्यवस्था को एक नई दिशा दी जा सके।

जाति जनगणना पर विपक्ष का दबाव

हालांकि, जनगणना प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा सवाल यह है कि इसमें जाति का कॉलम शामिल होगा या नहीं। विपक्षी दलों ने जाति जनगणना की जोरदार मांग की है, जबकि सरकार अभी इस पर विचार कर रही है।

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