“GPay और PhonePe का बहिष्कार करें, Paytm और BHIM UPI अपनाएं” आंदोलन ज़ोरों पर!
भारत में डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में एक नया सामाजिक आंदोलन जोर पकड़ रहा है—“Boycott GPay and PhonePe, Adopt Paytm and BHIM UPI”.
इस अभियान के तहत लाखों सोशल मीडिया यूजर्स, राष्ट्रप्रेमी विचारधारा से जुड़े लोग और कई स्वयंसेवी संगठन गूगल पे (GPay) और PhonePe जैसे विदेशी कंपनियों के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं और स्वदेशी विकल्प—Paytm और BHIM UPI को अपनाने की अपील कर रहे हैं।
🔍 आंदोलन की वजह क्या है?
- विदेशी नियंत्रण और डेटा सुरक्षा चिंता:
GPay और PhonePe दोनों विदेशी कंपनियों द्वारा नियंत्रित हैं। Google (अमेरिका) और Walmart (PhonePe की मूल कंपनी) जैसे बड़े कॉर्पोरेट्स भारतीय यूजर्स का डेटा एक्सेस कर सकते हैं — यही बात यूजर्स को खटक रही है। - स्वदेशी को बढ़ावा देने की मांग:
राष्ट्रवादी विचारधारा के लोग मांग कर रहे हैं कि हमें उन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करना चाहिए जो भारत में बने हैं, भारतियों द्वारा चलाए जा रहे हैं, जैसे कि Paytm (हालांकि अब आंशिक विदेशी निवेश है) और सरकार समर्थित BHIM UPI (भारत इंटरफेस फॉर मनी)। - लोकल फॉर वोकल की पुकार:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “आत्मनिर्भर भारत” मुहिम का हवाला देते हुए लोग सोशल मीडिया पर कह रहे हैं—
👉 “जब सरकार खुद BHIM UPI को प्रमोट कर रही है, तो हमें विदेशी ऐप्स क्यों चाहिए?”
🗣️ जनता की राय:
“हमारा पैसा, हमारा डेटा—क्यों किसी विदेशी सर्वर पर जाए? BHIM UPI सबसे सुरक्षित है और देश का है।”
– अभिषेक वर्मा, IT प्रोफेशनल
“Paytm में इंटरफ़ेस अच्छा है और BHIM सरकार का है – अब वक्त है बदलाव का।”
– रीना त्रिपाठी, स्टूडेंट
⚖️ क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
डिजिटल इकॉनॉमी एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस मुहिम से UPI आधारित भारतीय ऐप्स को मजबूती मिलेगी।
हालांकि, वे यह भी चेतावनी देते हैं कि किसी ऐप का बहिष्कार भावनाओं में नहीं, तथ्यों पर आधारित होना चाहिए।
🚨 निष्कर्ष:
यह आंदोलन सिर्फ पेमेंट ऐप्स तक सीमित नहीं है, बल्कि यह डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। समय बताएगा कि यह डिजिटल बहिष्कार केवल सोशल मीडिया तक सीमित रहेगा या फिर वाकई में बदलाव लेकर आएगा।