वाशिंगटन: नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार (30 नवंबर, 2024) को BRICS समूह के देशों को अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने के किसी भी प्रयास के लिए गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि इन देशों ने कोई नई मुद्रा बनाने या अमेरिकी डॉलर का स्थान लेने वाली किसी अन्य मुद्रा का समर्थन किया, तो उन पर 100% टैरिफ लगा दिया जाएगा।BRICS समूह में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, तुर्की, अज़रबैजान और मलेशिया ने भी इस समूह में शामिल होने के लिए आवेदन किया है।डॉलर के प्रभुत्व को चुनौतीहालांकि अमेरिकी डॉलर वैश्विक व्यापार में प्रमुख मुद्रा बनी हुई है, लेकिन BRICS देशों और अन्य विकासशील देशों ने अमेरिका के वैश्विक वित्तीय प्रणाली पर प्रभुत्व को लेकर असंतोष व्यक्त किया है।ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा, “हमें इन देशों से यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वे न तो कोई नई BRICS मुद्रा बनाएंगे और न ही किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे।
अन्यथा, उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा और अमेरिकी अर्थव्यवस्था से व्यापार करने का मौका खोना पड़ेगा।”पुतिन का आरोपBRICS के अक्टूबर शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह डॉलर का “हथियार” के रूप में इस्तेमाल कर रहा है और इसे “बड़ी गलती” बताया। उन्होंने कहा, “यह हम नहीं हैं जो डॉलर का उपयोग करने से इनकार कर रहे हैं। लेकिन अगर वे हमें काम करने नहीं देंगे, तो हमें विकल्प खोजने होंगे।”
रूस की नई योजनारूस ने एक नई भुगतान प्रणाली बनाने का सुझाव दिया है जो SWIFT का विकल्प हो सकती है। इसका उद्देश्य पश्चिमी प्रतिबंधों से बचते हुए व्यापार जारी रखना है।
डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर जोर देते हुए कहा कि BRICS के पास वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह लेने का “कोई मौका नहीं” है और जो भी देश ऐसा प्रयास करेगा, उसे “अमेरिका को अलविदा कहने के लिए तैयार रहना चाहिए।”विश्लेषकों का मानना है कि BRICS और अमेरिका के बीच यह तनातनी भविष्य में वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक परिस्थितियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।