येदियुरप्पा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, पोक्सो केस पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने उनके खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही ट्रायल की कार्रवाई पर रोक लगा दी।

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच येदियुरप्पा की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें हाईकोर्ट ने चार्जशीट पर ट्रायल कोर्ट के संज्ञान को बरकरार रखते हुए पेश होने का निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किए और नोटिस को इस मुद्दे तक सीमित किया कि क्या मामला हाईकोर्ट को दोबारा विचार के लिए भेजा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश में कुछ बातें उसके पहले दिए निर्देशों से मेल नहीं खातीं और यह पिछली कार्यवाही की गलतफहमी का परिणाम हो सकता है।

येदियुरप्पा की ओर से सीनियर वकील सिद्धार्थ लूथरा और सिद्धार्थ दवे ने दलील दी कि महत्वपूर्ण बयान दबा दिए गए और कई प्रक्रियागत कमी के बावजूद ट्रायल कोर्ट ने जल्दबाज़ी में संज्ञान लिया। उन्होंने न्याय में चूक रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग की।

मामला 17 वर्षीय लड़की के आरोप से जुड़ा है। लड़की का कहना है कि 2 फरवरी 2024 को बेंगलुरु स्थित घर पर येदियुरप्पा ने उसका यौन उत्पीड़न किया, जब वह और उसकी मां पहले हुए हमले की शिकायत लेकर उनसे मिलने गए थे।

चार्जशीट के अनुसार, येदियुरप्पा ने लड़की को कमरे में ले जाकर उसकी कलाई पकड़ी और छेड़छाड़ की। लड़की विरोध कर वहां से निकल आई।

येदियुरप्पा ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि वे केवल परेशान मां-बेटी की मदद करने की कोशिश कर रहे थे और यहां तक कि तत्कालीन पुलिस कमिश्नर से भी बात की थी। उन्होंने कहा था कि मदद करने पर ऐसे परिणाम सामने आते हैं और वे सब कुछ झेलने को तैयार हैं।