डमरू का रहस्य : सृजन, विनाश और संतुलन का प्रतीक

डमरू को अक्सर हम केवल एक वाद्य यंत्र मानते हैं, लेकिन इसका महत्व इससे कहीं अधिक गहरा है। यह छोटा-सा यंत्र अपने भीतर पूरे ब्रह्मांड…

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“अधर्म पर धर्म की विजय – श्री वराह जयंती विशेष”

धर्म और इतिहास से जुड़ा पर्वभाद्रपद शुक्ल द्वितीया को भगवान विष्णु के तीसरे अवतार श्री वराह अवतार की जयंती मनाई जाती है। इस दिन को…

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भाग्य से लेकर आरोग्य तक: क्यों विशेष है देशी गाय की परिक्रमा और पंचगव्य

भारतीय परंपरा में गौ को “माँ” का दर्जा दिया गया है और शास्त्रों में इसके पूजन, परिक्रमा और सेवा को अत्यंत कल्याणकारी माना गया है।…

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“बच्चों में संस्कार और आत्मविश्वास जगाने वाला आंदोलन – 17,000 बाल संस्कार केंद्र”

आज के दौर में जहां आधुनिक शिक्षा बच्चों को केवल जानकारी देने तक सीमित कर रही है, वहीं बाल संस्कार केंद्र (BSK) बच्चों को ज्ञान…

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स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती: एक साहसी संत का बलिदान

भारत की आध्यात्मिक परंपरा में ऐसे कई संत हुए जिन्होंने समाज की जागृति और धर्म की रक्षा के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया।…

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क्या फिर से बाबरी जैसी त्रासदी दोहराई जाएगी?

फतेहपुर के मंगी मकबरे पर दावा, भगवा झंडा और नया विवाद उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िले के अबूनगर गाँव में एक 200 साल पुराने मकबरे…

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‘युग तुलसी’ के रूप में विख्यात पंडित रामकिंकर उपाध्याय, जिन्होंने 5 दशकों तक लोगों को श्रीराम से जोड़ा

पंडित रामकिंकर उपाध्याय एक ऐसे युगपुरुष थे, जिनकी वाणी में रामचरितमानस की चौपाइयां जब मंच से गूंजती थीं तो श्रोता मंत्रमुग्ध होकर आध्यात्मिक और दार्शनिक…

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VedicRakshaBandhan: राखी के साथ धर्म और संस्कृति की भी रक्षा”

Ask ChatGPT इस साल रक्षा बंधन सिर्फ भाई-बहन के प्यार का त्योहार नहीं, बल्कि एक संस्कृति पुनर्जागरण का प्रतीक बन गया है। सोशल मीडिया पर…

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“संतों पर हल्ला, मौलाना पर चुप्पी क्यों?”

प्रेमानंद जी और अनिरुद्धाचार्य जी के विरोध में सड़क पर महिलाएं, लेकिन मौलाना छांगरू के मामले में सन्नाटा क्यों? — –मुख्य बातें: हाल ही में…

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Nagpanchami (नागपंचमी): आस्था, प्रकृति और सांस्कृतिक धरोहर का संगम

हर साल, श्रावण मास की शुक्ल पंचमी तिथि को जब Nagpanchami (नागपंचमी)का पर्व आता है, तो न केवल हमारे दिलों में श्रद्धा की लहर दौड़ती…

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