कोयला खोज में निजी कंपनियों को एंट्री, केंद्र सरकार

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोयला खदानों में अन्वेषण कार्य को तेज करने के लिए निजी कंपनियों को औपचारिक रूप से एंट्री दे दी है। सरकार का कहना है कि इससे कोयला उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी और खदानों के संचालन में तेजी आएगी।

कोयला मंत्रालय ने बताया कि भारतीय गुणवत्ता परिषद–राष्ट्रीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रत्यायन बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त निजी संस्थाओं को 26 नवंबर 2025 से अधिकृत पूर्वेक्षण एजेंसियों के रूप में अधिसूचित किया गया है। यह अधिसूचना खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 के तहत जारी की गई है।

सरकार के अनुसार, इस फैसले से कोयला और लिग्नाइट की खोज के लिए 18 नई एजेंसियां जुड़ जाएंगी। इससे कोयला ब्लॉक आवंटियों को अन्वेषण एजेंसियों के चयन में अधिक विकल्प मिलेंगे।

कोयला खदान संचालन के लिए भूगर्भीय रिपोर्ट तैयार करना अनिवार्य होता है। नए एजेंसियों के शामिल होने से यह प्रक्रिया तेजी से पूरी हो सकेगी, और लगभग छह महीने का समय बचेगा, जो पहले लाइसेंस अनुमोदन में लगता था।

सरकार का उद्देश्य निजी क्षेत्र की क्षमताओं का उपयोग कर अन्वेषण में प्रतिस्पर्धा, दक्षता और नवाचार को बढ़ावा देना है। इससे खदानों के विकास की गति भी तेज होगी।

कोयला मंत्रालय का कहना है कि अन्वेषण प्रक्रिया में तेजी आने से उत्पादन में वृद्धि होगी और देश में कोयला तथा लिग्नाइट की उपलब्धता बढ़ेगी। यह देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि सरकार एक पारदर्शी, आधुनिक और सक्षम खनिज अन्वेषण ढांचे को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा और आर्थिक विकास को गति देगा।