चीन का बांग्लादेश कार्ड: भारत के लिए नई चुनौती या पुरानी कहानी?

🔴 भाग 1: मालदीव्स और श्रीलंका में चीन की पराजय – कैसे भारत ने वापसी की?

📌 मालदीव्स: बेल्ट एंड रोड का बोझ और फिर भारत की वापसी

  • 2013-18 के बीच राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन चीन के बेहद करीब।
  • बेल्ट एंड रोड में एंट्री और $1.4 बिलियन का कर्ज।
  • 2018 में सत्ता बदलती है, इब्राहिम सोलिह आते हैं, भारत-मालदीव संबंधों में मजबूती।
  • लेकिन 2023 में “इंडिया आउट” कैंपेन, मोईजू की जीत – फिर से रिश्तों में तनाव।
  • अब मोईजू बैकफुट पर, भारत से फिर से रिश्ते सुधारने की कोशिश।

📌 श्रीलंका: डेब्ट ट्रैप का जीता-जागता उदाहरण

  • 2005 से चीन का दखल, $5 बिलियन का कर्ज – मुख्यतः इंफ्रास्ट्रक्चर में।
  • हम्बनटोटा पोर्ट 99 साल की लीज पर चीन को – 2022 में आर्थिक पतन।
  • भारत की तत्काल मदद – $4 बिलियन की सहायता और IMF से बातचीत।
  • अब श्रीलंका बैलेंस्ड अप्रोच अपना रहा – भारत, जापान और अमेरिका के साथ।

🔴 भाग 2: अब बांग्लादेश – चीन का अगला गढ़?

📌 इकोनॉमिक एंट्री पॉइंट

  • चीन ने बांग्लादेश में पोर्ट्स, टेलीकॉम, स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन में बड़ा निवेश शुरू किया।
  • $4 बिलियन का कर्ज – अभी मैनेजेबल, लेकिन ट्रेंड खतरनाक।
  • फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की पेशकश – भारत की चिंता बढ़ी।

📌 मिलिट्री टाई-अप: चीन का दबदबा

  • बांग्लादेश, साउथ एशिया में सबसे बड़ा चीनी हथियार खरीददार।
  • सबमरीन, फाइटर जेट्स, रडार से लेकर कॉक्स बाजार में सबमरीन बेस तक – सब चीन के सहारे।
  • चिटगोंग पोर्ट पर भी चीन की नजर – PLA Navy की संभावित उपस्थिति की आशंका।

🔴 भाग 3: भारत क्यों चिंतित है?

📌 बॉर्डर और भू-रणनीतिक खतरे

  • बांग्लादेश भारत के पांच राज्यों से सटा है – वेस्ट बंगाल, असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा।
  • कॉक्स बाजार से PLA को बे ऑफ बंगाल तक पहुंच – भारत के ईस्टर्न सीबोर्ड को खतरा।

📌 ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ का विस्तार

  • ग्वादर से हम्बनटोटा, क्यौकप्यू से अब कॉक्स बाजार – भारत को समुद्री घेरे में लेने की रणनीति।

📌 पॉलिटिकल टिल्ट: मोहम्मद यूनुस की एंट्री

  • शेख हसीना की जगह यूनुस – भारत को लेकर आलोचनात्मक रुख।
  • “लैंड लॉक्ड नॉर्थईस्ट” जैसे बयान – चीन के नैरेटिव से मेल खाते।

🔴 भाग 4: दिल्ली का गेम प्लान – भारत की काउंटर स्ट्रेटेजी

📌 इकोनॉमिक कनेक्टिविटी

  • $9.5 बिलियन का लोन क्रेडिट – रोड, रेलवे, ब्रिजेस में निवेश।
  • 12 पुराने रेल लिंक फिर से चालू – मैत्री एक्सप्रेस, ऑयल पाइपलाइन, बॉर्डर SEZ लॉन्च।

📌 डिफेंस डिप्लोमेसी

  • संप्रीति जॉइंट एक्सरसाइज, नॉन ऑफेंसिव टेक्नोलॉजी सप्लाई।
  • बांग्लादेशी अफसरों की ट्रेनिंग – NDA, IMA में।

📌 सॉफ्ट पावर रणनीति

  • स्कॉलरशिप, मेडिकल टूरिज्म, वीज़ा ऑन अराइवल स्कीम।
  • बांग्लादेशी स्टूडेंट्स को आकर्षित करना – “हर्ट्स एंड माइंड्स” की जंग।

📌 डिप्लोमैटिक और रीजनल अलायंसेस

  • BIMSTEC, त्रिपक्षीय अलायंसेस (भारत-जापान-बांग्लादेश) को और मजबूती।
  • मोहम्मद यूनुस जैसे नेताओं के बयानों पर सधी प्रतिक्रिया – लेकिन सख्त नज़र।

🔴 फाइनल वर्ड: क्या भारत तैयार है?

  • बांग्लादेश इस समय “स्विंग स्टेट” बना हुआ है – और यही असली चुनौती है।
  • भारत को हर फ्रंट पर एक्टिव रहना होगा – इकोनॉमिक, मिलिट्री, कल्चरल और इन्फॉर्मेशनल।
  • चीन ने बांग्लादेश को “प्यादा” बनाया है – लेकिन भारत अब शतरंज के हर मूव को पहले से पढ़ने की तैयारी में है।

📌 विश्लेषणकर्ता की टिप्पणी:

“यह सिर्फ एक पड़ोसी देश की जंग नहीं है – यह भविष्य के एशियाई संतुलन की लड़ाई है। और इस चेसबोर्ड पर भारत को सिर्फ राजा ही नहीं, स्मार्ट खिलाड़ी भी बनना होगा।”