CJI Gavai

CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश: वकील राकेश किशोर पर चलेगा अवमानना का मुकदमा

नई दिल्ली — भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) जस्टिस संजय करोल गवई पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ अब अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी। अदालत ने इस कृत्य को “न्यायपालिका की गरिमा पर सीधा हमला” बताया और स्वत: संज्ञान लेते हुए कानूनी कार्यवाही की घोषणा की।

क्या हुआ था घटना के दिन?

घटना मंगलवार (15 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ के समक्ष हुई, जब वकील राकेश किशोर किसी पुराने मामले पर जोरदार बहस के दौरान अचानक अपना जूता निकालकर CJI गवई की ओर फेंकने का प्रयास करने लगे। हालांकि, सुरक्षा कर्मियों ने समय रहते उन्हें रोका और बाहर ले जाया गया।

इस घटना से अदालत कक्ष में कुछ समय के लिए हड़कंप मच गया।

सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया

CJI गवई ने Bench पर बैठे अन्य न्यायमूर्तियों के साथ विचार कर Contempt of Court (अवमानना) की कार्यवाही शुरू करने की घोषणा की।

CJI गवई ने कहा:

“न्यायिक प्रणाली पर इस प्रकार का व्यवहार अस्वीकार्य है। यह लोकतंत्र की बुनियाद को चोट पहुँचाने जैसा है।”

क्या है ‘अवमानना’ का मामला?

भारतीय संविधान और ‘Contempt of Courts Act, 1971’ के तहत, अदालत की गरिमा, आदेश या कार्य में बाधा डालने वाला कोई भी कृत्य अवमानना की श्रेणी में आता है। इसमें दोषी पाए जाने पर छह महीने की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

कौन हैं राकेश किशोर?

राकेश किशोर दिल्ली हाईकोर्ट में भी प्रैक्टिस कर चुके हैं और कुछ जनहित याचिकाओं (PIL) में पक्षकार रहे हैं। लेकिन हाल के वर्षों में उन्होंने कई बार सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली पर तीखी आलोचना की है, जिसकी वजह से उन्हें कुछ मामलों में फटकार भी मिल चुकी है।

आगे क्या होगा?

सुप्रीम कोर्ट की अवमानना पीठ इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह करेगी।

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) से भी इस व्यवहार की निंदा करने और बार मेंबरशिप की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।

अदालत ने स्पष्ट किया है कि वह ऐसी हरकतों को “नजीर बनाकर” सख्ती से निपटेगी।