नई दिल्ली :- वक्फ संशोधन बिल को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। विवादित इस्लामिक उपदेशक ‘ जाकिर नाइक’ ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने मुसलमानों को भड़काने की कोशिश की है। इस वीडियो में नाइक ने कहा है कि मौजूदा सरकार पहले जैसी ताकतवर नहीं है, और विपक्ष इस बार काफी मजबूत है, इसलिए मुसलमानों को अपने हक की लड़ाई लड़नी चाहिए और इस बिल को खारिज करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि सरकार मुसलमानों की संपत्तियों को हड़पना चाहती है, और वक्फ की संपत्ति पर केवल मुसलमानों का अधिकार होना चाहिए।नाइक ने अपनी अपील में मुसलमानों से 50 लाख लोगों के साथ जुटने का आह्वान किया है और एक QR कोड जारी कर इसे स्कैन करके वक्फ बिल के विरोध में अपनी राय भेजने का अनुरोध किया है। इस QR कोड के जरिए विरोध जताते हुए संयुक्त संसदीय समिति को रिजेक्शन भेजा जा सकता है।

**केंद्रीय मंत्री का कड़ा बयान*
*इस बयान के बाद **केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू** ने जाकिर नाइक को फटकार लगाई और मुसलमानों से आग्रह किया कि वे झूठे प्रचार और गुमराह करने वाले संदेशों से सावधान रहें। रिजिजू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए नाइक के भड़काऊ बयानों की निंदा की और कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां हर किसी को अपनी राय रखने का अधिकार है, लेकिन झूठे प्रचार से केवल भ्रम पैदा होगा और समाज में गलतफहमियां बढ़ेंगी।
*वक्फ संशोधन बिल पर विवाद का कारण*
*वक्फ बोर्ड भारत में संपत्ति के मामले में तीसरे स्थान पर आता है, जो रेलवे और रक्षा विभाग के बाद सबसे बड़ी संपत्ति का मालिक है। वक्फ बोर्ड बिना दस्तावेजों के भी किसी संपत्ति पर दावा कर सकता है, और बोर्ड की संपत्तियों को बेचना प्रतिबंधित है। वक्फ संशोधन बिल के तहत 40 प्रमुख बदलाव किए गए हैं, जिनमें वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के पंजीकरण और दस्तावेजों की प्रमाणिकता की जांच अनिवार्य की गई है। इसके साथ ही, वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों को कोर्ट में चुनौती देने का प्रावधान भी जोड़ा गया है।
*वक्फ संशोधन बिल के उद्देश्य
इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाना और उनकी मनमानियों पर रोक लगाना है। इससे वक्फ बोर्ड की नई संपत्तियों के पंजीकरण और दस्तावेजों की सटीकता सुनिश्चित की जाएगी, ताकि कोई भी संपत्ति के विवाद उत्पन्न न हों।