नई दिल्ली। अपराध शाखा की साइबर सेल ने एक बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसका संचालन दुबई में बैठे एक भारतीय हैंडलर ‘टॉम’ के निर्देश पर किया जा रहा था। पुलिस ने इस गिरोह में शामिल आरबीएल बैंक के एक अधिकारी सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी देशभर में फैले नेटवर्क के जरिए लोगों से ठगी की रकम को फर्जी खातों में जमा करवाकर उसे क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेजते थे।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मंजीत सिंह (28), मनश्वी (23), मनीष मेहरा (33), सोमबीर (43) और आरबीएल बैंक अधिकारी अनुप (35) के रूप में हुई है। जांच ई-एफआईआर संख्या 60000097/2025 (4/2025) से शुरू हुई थी, जिसमें नोएडा और गुरुग्राम से संचालित संगठित साइबर गैंग का खुलासा हुआ।
27 अक्टूबर को गुरुग्राम स्थित एक आवासीय परिसर में छापेमारी के दौरान पुलिस ने मंजीत, मनश्वी और सोमबीर को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से 10 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और कई बैंक चेकबुक बरामद किए गए। इसके बाद मिले सुरागों के आधार पर मनीष मेहरा और बैंक अधिकारी अनुप को भी पकड़ा गया।
जांच में पता चला कि गिरोह में सभी की भूमिकाएं तय थीं।
मंजीत और मनश्वी फर्जी कंपनियाँ बनाकर चालू खाते खोलते थे।
सोमबीर अकाउंटिंग और रिपोर्टिंग का काम करता था और दुबई स्थित हैंडलर तक जानकारी पहुंचाता था।
मनीष मेहरा ओटीपी एक्सेस देकर बैंक लेनदेन संचालित करता था।
बैंक अधिकारी अनुप फर्जी खाते खोलने में मदद करता था और खाते फ्रीज होने की जानकारी गिरोह तक पहले ही पहुंचा देता था।
हर फर्जी खाते के बदले गिरोह के सदस्यों को 1.5 लाख रुपये तक कमीशन दिया जाता था। अब तक गिरोह ने तीन फर्जी कंपनियाँ और आठ चालू खाते खोलकर करोड़ों की ठगी की राशि को घुमाया, जिसे बाद में USDT क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेजा गया।
पुलिस ने 18 मोबाइल फोन, 36 सिम कार्ड, 3 बैंक कार्ड, कई चेकबुक और एक लैपटॉप जब्त किया है। लैपटॉप से USDT वॉलेट्स, 274 बैंक PDF स्टेटमेंट, और टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए फंड मूवमेंट के सबूत मिले हैं। इसके अलावा 12 राज्यों से जुड़ी 52 साइबर फ्रॉड शिकायतें सामने आई हैं।
यह कार्रवाई इंस्पेक्टर संदीप सिंह के नेतृत्व और एसीपी अनिल शर्मा के पर्यवेक्षण में की गई। पुलिस के अनुसार, गिरोह के दो सदस्य अभी भी फरार हैं और दुबई से नेटवर्क चला रहे हैं।
पुलिस ने कहा है कि साइबर अपराध नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए आगे की जांच जारी है।
