दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व न्यायाधीश से जुड़ी याचिका पर शीर्ष अदालत के सीपीआईओ से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 26 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय के मुख्य लोक सूचना अधिकारी से जवाब मांगा है। यह याचिका उस सूचना को न देने के खिलाफ दायर की गई थी, जिसमें भारत के प्रधान न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय को मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार या अनुचित आचरण से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त होने की जानकारी मांगी गई थी।

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने आरटीआई अर्जी दायर करने वाले सौरव दास की याचिका पर सीपीआईओ को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने अक्टूबर 2024 में सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दूसरी अपील पर विचार करते हुए, मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा के संबंध में आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया था।

शीर्ष अदालत के सीपीआईओ के समक्ष 25 अप्रैल 2023 को दायर आरटीआई अर्जी में याचिकाकर्ता ने यह जानना चाहा कि ‘‘क्या न्यायमूर्ति राजा के कार्यकाल के दौरान आज तक भारत के प्रधान न्यायाधीश, कॉलेजियम या उच्चतम न्यायालय को भ्रष्टाचार या किसी अनुचित आचरण के आरोप के बारे में कोई शिकायत प्राप्त हुई है।’’

याचिकाकर्ता ने ऐसी शिकायतों की कुल संख्या तथा उन पर की गई कार्रवाई की जानकारी भी मांगी थी।

याचिकाकर्ता ने बताया कि सीपीआईओ के जवाब में कहा गया है कि ‘‘सूचना उस तरीके से नहीं रखी जाती है, जैसी मांगी गई है।’’

याचिका में तर्क दिया गया कि सूचना देने से इनकार करना गलत था, क्योंकि आरटीआई अर्जी में केवल ‘‘हां या नहीं’’ में प्रश्न पूछा गया था, जिसके लिए किसी विशेष प्रारूप में ऐसी सूचना का खुलासा या रखने की आवश्यकता नहीं थी। याचिका में कहा गया कि सीपीआईओ का यह कभी भी मामला नहीं था कि सूचना किसी तीसरे पक्ष की गोपनीयता का उल्लंघन करेगी और सीआईसी ने दूसरी अपील पर विचार करते समय एक नया आधार बनाने में त्रुटि की।

यह कहते हुए कि न्यायपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने में जनहित है, याचिकाकर्ता ने सीपीआईओ को आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी प्रदान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

न्यायमूर्ति राजा को 22 सितंबर 2022 को मद्रास उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह 23 मई 2023 को सेवानिवृत्त हो गए।

उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने नवंबर 2022 में उनके राजस्थान उच्च न्यायालय में स्थानांतरण की सिफारिश की थी। अप्रैल 2023 में सिफारिश दोहराई गई थी।