दिल्ली पुलिस ने मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। हर केंद्र पर जवान तैनात हैं और आने-जाने वालों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी ने चुनाव परिणामों के बाद हिंसा की आशंका जताई है, जिससे सुरक्षा की व्यवस्था और मजबूत कर दी गई है।
विपक्षी दलों की हार की स्थिति में हिंसा की संभावना
विपक्षी दलों के बयानों से आशंका है कि अंतिम परिणामों में हार होने पर वे सड़कों पर उतर सकते हैं। विपक्ष ने अपने समर्थकों से मतगणना केंद्रों पर भारी संख्या में इकट्ठा होने का आह्वान किया है। ईवीएम में गड़बड़ी और जिलाधिकारियों द्वारा चुनाव परिणाम प्रभावित होने की आशंका पहले ही जताई गई है। ऐसे में, अगर परिणाम विपक्ष के खिलाफ आए तो हिंसक प्रदर्शन होने की संभावना है।
सुरक्षा एजेंसियों का दावा, हर स्तर पर सुरक्षा बढ़ाई
दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा केंद्रों पर जवानों की तैनाती बढ़ा दी है। हर मतगणना केंद्र पर जवान कड़ी नजर रख रहे हैं। उत्तर प्रदेश के सभी मतगणना केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। हिंसा की आशंका को समाप्त करने के लिए असामाजिक तत्त्वों को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया है।
पश्चिम बंगाल में सुरक्षा के विशेष इंतजाम
पश्चिम बंगाल, जो अपनी चुनावी हिंसा के लिए कुख्यात है, में इस बार भी सबसे ज्यादा हिंसा देखने को मिली थी। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने अगले 15 दिनों तक सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। राज्य में अर्धसैनिक बलों के जवान 19 जून तक तैनात रहेंगे।
बिहार में भी कड़ी सुरक्षा
बिहार में पप्पू यादव जैसे नेताओं के बयानों से समर्थकों के उपद्रव की आशंका है। इसे देखते हुए वहां भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। भाजपा नेता अभिषेक वर्मा ने कांग्रेस पर लोकतंत्र का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि अगर हिंसा होती है तो इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा इस बार 400 सीटें पार करेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे।