दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फर्जी होटल बुकिंग वेबसाइट के जरिए चल रहे एक बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश किया है।
इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो खुद को एक लोकप्रिय होटल बुकिंग प्लेटफॉर्म का कस्टमर सपोर्ट एग्जीक्यूटिव बताकर लोगों को ठग रहा था।
पुलिस के अनुसार आरोपी OTP और UPI से जुड़ी जानकारी हासिल कर अनधिकृत ट्रांजैक्शन को अंजाम देता था।
इस साइबर ठगी की जांच उस समय शुरू हुई जब अमेरिका में रहने वाले एक व्यक्ति ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पीड़ित ने बताया कि होटल बुकिंग के दौरान वह एक फर्जी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के झांसे में आ गया था।
शिकायत के आधार पर क्राइम ब्रांच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच शुरू की।
Times of India की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित ने फर्जी वेबसाइट के जरिए होटल बुक करने की कोशिश की थी।
इसी दौरान आरोपी ने खुद को कस्टमर सपोर्ट स्टाफ बताकर पीड़ित से संपर्क किया और भरोसा जीत लिया।
बातचीत के दौरान आरोपी ने OTP और UPI से जुड़ी डिटेल्स हासिल कर लीं।
जानकारी हासिल करने के बाद आरोपी ने पीड़ित के बैंक अकाउंट से 57,186 रुपये की अवैध निकासी कर ली।
पुलिस जांच में सामने आया कि ठगी गई रकम का इस्तेमाल आरोपी ने अपने ही क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने में किया।
इससे यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी पूरी तरह सुनियोजित तरीके से साइबर अपराध को अंजाम दे रहा था।
पुलिस ने आरोपी के ठिकानों पर छापेमारी कर कई अहम सबूत बरामद किए हैं।
छापेमारी के दौरान तीन मोबाइल फोन, एक फर्जी आधार कार्ड और अन्य डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए।
इन मोबाइल फोनों में पीड़ितों से की गई WhatsApp चैट्स भी मिली हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, DCP (क्राइम) आदित्य गौतम ने बताया कि जब्त किए गए मोबाइल नंबर बेहद संदिग्ध पाए गए हैं।
इन नंबरों का संबंध National Cybercrime Reporting Portal पर दर्ज कम से कम 29 अलग-अलग शिकायतों से जुड़ा हुआ है।
इससे आरोपी के खिलाफ कई राज्यों से जुड़ा साइबर फ्रॉड नेटवर्क सामने आया है।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान 26 वर्षीय प्रतोष कुमार के रूप में हुई है।
वह बिहार के शेखपुरा जिले का रहने वाला है और 12वीं तक पढ़ा हुआ है।
पुलिस के अनुसार वह पिछले करीब छह वर्षों से साइबर फ्रॉड गतिविधियों में शामिल था।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
उसने बताया कि वह कई मोबाइल फोन और फर्जी पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल करता था।
इनके जरिए वह खुद को ऑनलाइन सर्विस प्लेटफॉर्म्स का अधिकृत प्रतिनिधि बताता था।
पुलिस के मुताबिक आरोपी सोशल इंजीनियरिंग तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों को जाल में फंसाता था।
वह बुकिंग कन्फर्मेशन या रिफंड के नाम पर कॉल कर पीड़ितों को भरोसे में लेता था।
इसके बाद OTP और UPI क्रेडेंशियल्स हासिल कर खातों से पैसे निकाल लेता था।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी ऑनलाइन बुकिंग के दौरान OTP या UPI जानकारी साझा न करें।
साथ ही केवल आधिकारिक वेबसाइट और ऐप के जरिए ही लेनदेन करने की सलाह दी गई है।
मामले में आगे की जांच जारी है और अन्य आरोपियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
