दिल्ली पुलिस का सुप्रीम कोर्ट में दावा: पढ़े-लिखे आतंकवादी ज्यादा खतरनाक

सुप्रीम कोर्ट में 2020 के उत्तर-पूर्व दिल्ली दंगों से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने आज सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यह हिंसा देश की आजादी पर हमला थी और इसे सरकार बदलने की सोची-समझी साजिश के तौर पर अंजाम दिया गया था। यह बयान पुलिस ने उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं के विरोध में दिया।

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने अदालत में कहा कि कई शिक्षित लोग, जिनमें डॉक्टर और इंजीनियर भी शामिल हैं, “देश-विरोधी गतिविधियों” में शामिल हो रहे हैं, और ऐसे “बुद्धिजीवी” जमीनी आतंकवादियों से अधिक खतरनाक होते हैं। उन्होंने शरजील इमाम के कथित भड़काऊ भाषणों के वीडियो कोर्ट में प्रस्तुत किए, जिनमें उन्हें 2019–20 में चाखंड, जामिया, अलीगढ़ और आसनसोल में दिए गए भाषणों के दौरान दिखाया गया।

जमानत याचिकाओं का कड़ा विरोध

ASG राजू ने जोर देकर कहा कि जमानत केवल इसलिए नहीं दी जा सकती कि आरोपी लंबे समय से जेल में हैं। उन्होंने कहा,
“5.5 साल जेल में रहना जमानत का आधार नहीं हो सकता। ट्रायल तेज कराने का निर्देश दिया जा सकता है, लेकिन देरी कोई कारण नहीं है।”

दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि दंगे किसी स्पॉन्टेनियस घटना का परिणाम नहीं थे, बल्कि एक पहले से डिजाइन की गई, सुनियोजित और रणनीतिक रूप से तैयार की गई हिंसा थी, जिसका उद्देश्य देश में अस्थिरता पैदा करना था।

ट्रंप के दौरे के साथ प्रोटेस्ट का टाइमिंग

ASG राजू ने आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिकतम कवरेज दिलाने के उद्देश्य से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान योजनाबद्ध तरीके से तेज किया गया। उनका कहना था कि
“इनका वास्तविक उद्देश्य सरकार बदलना और आर्थिक अस्थिरता पैदा करना था।”

दिल्ली पुलिस के अनुसार, प्रदर्शन कथित रूप से “गुमराह करने वाले” थे और इनके पीछे व्यापक राजनीतिक मकसद थे।

UAPA के तहत गंभीर आरोप

उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर और रहमान के खिलाफ UAPA के साथ-साथ कई IPC धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस का आरोप है कि ये सभी 2020 दंगों के मास्टरमाइंड थे, जिनमें 53 लोगों की मौत हुई और 700 से अधिक लोग घायल हुए।

यह हिंसा नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न्स (NRC) के खिलाफ बड़े पैमाने पर हुए प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी।