बैंकिंग प्रतिनिधियों का कमीशन 0.30 प्रतिशत बढ़ाने की मांग

नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर बैंकिंग प्रतिनिधि संसाधन परिषद (बीसीआरसी) ने वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के लिए एजेंट की तरफ से दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं के एवज में उनका कमीशन बढ़ाने की मांग की है।

बैंकिंग प्रतिनिधि उद्योग और बीसीआरसी एजेंट को दिए जाने वाले कमीशन में कम-से-कम 0.30 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले कई वर्षों से कमीशन में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जबकि वित्तीय समावे में तेजी आने से एजेंट का खर्च बढ़ा है।

आमतौर पर एजेंट को बैंक और कुछ अन्य संस्थान कमीशन का भुगतान करते हैं।

बीसीआरसी के मुताबिक, बचत बैंक खाते खोलने पर बैंकिंग प्रतिनिधि को पांच से 20 रुपये, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) में लाभार्थी को नामांकित करने के लिए दो रुपये, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के लिए 15-30 रुपये और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के लिए 80-100 रुपये का कमीशन मिलता है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने गांवों तक बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए वर्ष 2006 में बैंकिंग प्रतिनिधि (बीसी) मॉडल की शुरुआत की थी। ये प्रतिनिधि बैंक शाखा और एटीएम से इतर जगहों पर बैंकिंग सेवाएं और गैर-वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के लिए नियुक्त एजेंट होते हैं।

बीसीआरसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) धरणीधर त्रिपाठी ने कहा कि बैंकिंग प्रतिनिधि देश में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के विस्तार सहित वित्तीय समावेश में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत खुले लगभग 53.81 करोड़ खातों में से 45 करोड़ खाते बैंकिंग प्रतिनिधियों ने ही खोले हैं। इन प्रतिनिधियों ने पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई और एपीवाई के तहत 80 प्रतिशत से अधिक लाभार्थियों के नामांकन की सुविधा भी दी है।

उन्होंने कहा कि बीसी मॉडल शुरू होने के बाद से बैंकिंग प्रतिनिधियों ने पहुंच बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की है और ग्रामीण परिदृश्य को बदल दिया है।

बीसीआरसी ने हाल ही में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी को एक ज्ञापन सौंपा है। त्रिपाठी ने कहा कि मंत्री ने संबंधित मुद्दों पर विचार करने का आश्वासन दिया।

Share This:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *