आज के समय में हम सुबह से शाम तक डिजिटल दुनिया में जीते हैं। मोबाइल, लैपटॉप, और कंप्यूटर का उपयोग करते हुए हमारा डेटा विभिन्न कंपनियों द्वारा एकत्र किया जाता है। यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि कंपनियां हमारे डेटा का सही उपयोग कर रही हैं और उसे सुरक्षित रख रही हैं। इसी उद्देश्य से सरकार ने 2023 में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट पारित किया था। अब, 2025 के लिए इस कानून से संबंधित नियमों का ड्राफ्ट जारी किया गया है।
डेटा सुरक्षा नियमों की प्रमुख बातें
1. डेटा ब्रीच पर सूचना का प्रावधान
यदि किसी कंपनी के पास आपका डेटा सुरक्षित नहीं रहता और वह चोरी हो जाता है, तो कंपनी को:
- आपको तुरंत सूचित करना होगा।
- यह जानकारी देनी होगी कि डेटा ब्रीच कब, कहां और कैसे हुआ।
- संभावित परिणाम और सुरक्षा उपायों की जानकारी देनी होगी।
- 72 घंटे के भीतर डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड को सूचित करना होगा।
2. बच्चों के डेटा की सुरक्षा
सरकार ने बच्चों के डेटा की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया है।
- 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया पर रजिस्टर करने से पहले उनके माता-पिता की अनुमति लेनी होगी।
- बच्चों की पहचान सत्यापित करने के लिए सरकारी आईडी का उपयोग अनिवार्य होगा।
3. डेटा डिलीट करने का अधिकार
यदि आप चाहते हैं कि आपका डेटा किसी कंपनी के रिकॉर्ड से पूरी तरह हटा दिया जाए, तो कंपनी को आपकी मांग पर तुरंत डेटा डिलीट करना होगा।
4. डेटा लोकलाइजेशन
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि कंपनियां भारतीय नागरिकों का डेटा देश के बाहर नहीं ले जा सकतीं। इसके लिए कंपनियों को भारत में ही डेटा स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होगा।
5. पेनल्टी और डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड
यदि कोई कंपनी नियमों का उल्लंघन करती है, तो उस पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके लिए सरकार ने डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड (DPB) की स्थापना की है, जो डिजिटल माध्यम से मामलों की सुनवाई और जांच करेगा।
सरकार और डेटा उपयोग
सरकार विशेष परिस्थितियों में आपका डेटा उपयोग कर सकती है, जैसे:
- सब्सिडी या लाभ प्रदान करना।
- सरकारी प्रमाण पत्र या लाइसेंस जारी करना।
नागरिकों के सुझाव आमंत्रित
ड्राफ्ट नियम अभी सार्वजनिक परामर्श के लिए खुले हैं। 18 फरवरी 2025 तक नागरिक MyGov पोर्टल पर जाकर अपने सुझाव दे सकते हैं।
निष्कर्ष
डिजिटल डेटा सुरक्षा नियमों का उद्देश्य नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखना और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। हालांकि, कुछ बिंदुओं पर अभी भी स्पष्टता की आवश्यकता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ये नियम कैसे लागू किए जाते हैं और नागरिकों की गोपनीयता की रक्षा में कितना प्रभावी साबित होते हैं।