दिवाली के मौके पर बाजारों में मिठाइयों की बिक्री चरम पर होती है — लेकिन इसी मौके पर खाद्य सुरक्षा विभाग और स्थानीय निगमों की जांचों में अनियमितता और नकली मावा/मिठाइयों की खबरें भी अक्सर रिपोर्ट होती हैं। नकली मावा (खोया) और सस्ती वैनस्पति/रिफाइंड फैट के इस्तेमाल से बनी मिठाइयाँ सस्ता तो पड़ती हैं, पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। नीचे बताया गया है कि आमतौर पर कौन‑कौन‑सी चीजें उपयोग की जाती हैं, इससे क्या खतरे हैं और दिवाली पर कौन‑सी असली / सुरक्षित मिठाइयाँ खानी चाहिए।
कहाँ पकड़ी जाती हैं ऐसी मिठाइयाँ?
बड़े‑बाजारों और लोकल स्वीट‑होम्स के अलावा, रिहायशी इलाके और छोटे ठेले जहाँ FSSAI‑लाइसेंस नहीं होता, अधिक जोखिम होता है।
उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में खाद्य निरीक्षण कैंप अक्सर दिवाली से पहले सक्रिय हो जाते हैं — इन जगहों पर नकली मावा/बर्फी/पेडा/खीर लिए सेंपल लिए जाते रहे हैं।
बड़े‑ब्रांड/लाइसेंसधारी दुकानों की तुलना में अनलाइसेंस्ड थोक विक्रेता और सड़क‑ठेले अधिक संदिग्ध पाए जाते हैं।
नकली मावा/मिठाइयाँ कैसे बनती हैं — क्या‑कौन से पदार्थ (common substitutes / adulterants)
सावधानी — नीचे कुछ सामान्य रूप से रिपोर्ट किए गए / संदिग्ध पदार्थों का जिक्र है। इनका उपयोग और संयोजन विक्रेताओं के हिसाब से अलग‑अलग होता है:
मावा/खोया के स्थान पर मिलावट‑मिश्रण:
दूध पाउडर + सस्ता वनस्पति‑तेल/मार्जरीन (vanaspati/hydrogenated vegetable oil) + चीनी/सिरप — असली दूध से बनी खोया से सस्ता और तेज़ बनता है।
सिंथेटिक घी/वैनस्पैटी (Hydrogenated vegetable oil):
असली देशी घी के स्थान पर हाइड्रोजनीटेड तेल का उपयोग — स्वाद और स्टोरेबिलिटी बढ़ाने के लिए।
बैनर रंग एवं अनाप‑शनाप कलरिंग:
कुछ गैर‑मान्य खाद्य रंग (जैसे banned dyes या उच्च‑खतरे वाले सिंथेटिक रंग) का उपयोग आकर्षक पीला/लाल रंग देने के लिए।
प्रिज़रवेटिव/एजेंट्स:
कुछ मामलों में बोरिक‑एसिड/बोरेक्स और अन्य रासायनिक प्रिज़रवेटिव (घरेलू उपलब्ध) का अयोग्य उपयोग बताया गया, ताकि मिठाई लंबे समय तक टिके — (यह बेहद हानिकारक है)।
सस्ता चीनी‑सिरप/कॉर्न सिरप:
असली गुड़/चीनी की जगह कोस्ट‑कटिंग के लिए।
स्ट्रीच या फ्लोफिलर:
कुछ दुकानें वजन बढ़ाने हेतु आटे या स्टार्च का भी उपयोग करती हैं।
स्वास्थ्य पर असर (जोखिम)
तत्कालिक (acute): पेट दर्द, उल्टी, दस्त, अलर्जिक रिएक्शन (खासकर कलर/प्रिज़रवेटिव से)।
मध्यम‑लंबे समय के जोखिम: उच्च ट्रांस‑फैट की वजह से हृदय रोग का जोखिम, लिवर‑किडनी पर असर, पाचन और चयापचय संबंधी समस्याएँ।
जिन पदार्थों के लिए चिंता: बिना अनुमोदित (banned) रंग जैसे कुछ सूडान‑टाइप डाईज़ और बोरेक्स/बोरिक‑एसिड का लंबे समय तक सेवन कैंसरजनक या टॉक्सिक प्रभाव दे सकता है।
बच्चे, गर्भवती और बुजुर्ग समूह सबसे संवेदनशील होते हैं — इन्हें विशेष सतर्कता चाहिए।
कैसे पहचानें कि मिठाई नकली/घरेलू मावा नहीं है — घर पर त्वरित चेक
सुगंध व स्वाद: असली खोया/घी का खुशबूदार, मलाईदार स्वाद होता है; अगर बहुत तेलीय या केमिकल जैसा गंध हो तो सावधान रहें।
डिग्री/टेक्सचर: असली मावा गीला‑सूखा, बारीक होता है; अगर चिकना और तेल जमा हो रहा हो, तो वैनस्पैटी का उपयोग हो सकता है।
रंग: बहुत चमकीले पीलें या लाल रंग से सजावट संदिग्ध हो सकती है — फूड‑कलर की जाँच करें।
स्टोरेज‑लाइफ: असली दूध‑आधारित मिठाइयाँ जल्दी खराब होती हैं; अगर कोई दुकान कहे “एक महीना टिकेगा” तो सम्भव है कि प्रिज़रवेटिव/सिंथेटिक प्रयोग हुआ है।
अनुमोदन लेबल: पैक्ड मिठाई पर FSSAI लॉगो/लाइसेंस नंबर देखें; रजिस्ट्रेशन के बिना पैक्ड आइटम खरीदने से बचें।
दिवाली पर कौन‑सी ‘असली’/सुरक्षित मिठाइयाँ लें — विकल्प (कम जोखिम वाले, घर पर बनाये जा सकने वाले)
यदि आप सुरक्षित रहना चाहते हैं तो पारंपरिक और घर पर आसानी से बनाए जाने वाले विकल्प बेहतर हैं — ताज़गी और सामग्री पर आपका नियंत्रण रहेगा:
खीर/दूध‑बेस्ड घर का खोया (कम मात्रा में): ताजा दूध से बनाएं — बाजार का खोया तभी लें जब विश्वसनीय ब्रांड या दुकान हो।
बेसन के लड्डू (घी सटीक रखें): घर पर घी/बेसन/पाउडर चीनी से बनाएं — लंबा स्टोरेज न करें।
नारियल के लड्डू/कटली (नारियल + चीनी/गुड़): शहरी दुकानों से खरीदने से बेहतर घर पर बनाएं।
खजूर‑बादाम/खजूर‑काजू के ऊर्जा‑बॉल (dates‑nuts ladoo): कोई भी केमिकल नहीं, पौष्टिक और टिकाऊ।
तिल एवं गुड़ के लड्डू (tilgul): पारंपरिक, पौष्टिक और सुरक्षित।
रवा/सूजी के बर्फी‑लड्डू (semolina‑based sweets): तेल/घी की क्वालिटी का ध्यान रखें।
पारंपरिक रसगुल्ला/रबड़ी — भरोसेमंद प्रतिष्ठान से: अगर आप दुकानदार को जानते हों और वह FSSAI लाइसेंस रखता हो तो बेहतर।
उपभोक्ता के लिए सुझाव — खरीदते समय ध्यान रखें
FSSAI नंबर और लाइसेंस की जाँच करें। पैक्ड सामान पर लेबल जरूर देखें।
रिव्यू और साख: नए/छोटे किराने वाले या ठेले पर खरीदने से पहले स्थानीय रिव्यू पूछ लें।
टेस्ट लें (छोटा): घर पर पहले छोटा स्नैक लें; बैच‑समस्या न हो इसकी जाँच करें।
स्टोरेज पूछें: ठेले/दुकान कितनी समय से समान रख रही है — “आज बना/बिका” होना चाहिए खासकर दूध‑आधारित आइटम।
बच्चों/गर्भवती को संतोषजनक खुराक दें: संवेदनशीलों को पैक्ड कम, घर का ज्यादा दें।
शिकायत दर्ज कराएं: यदि शक हो, तो स्थानीय फूड सेफ्टी अथॉरिटी या FSSAI हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं।
दिवाली के त्यौहार पर मिठाई खूब बाँटें — पर स्वाद के साथ‑साथ सुरक्षा पर भी ध्यान दें। नकली मावा और रासायनिक मिश्रणों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है: भरोसेमंद स्रोत, FSSAI‑लेबल और घर पर बनी/लोकल पारंपरिक मिठाइयों का चयन। स्वास्थ्य कुछ भी हो, त्योहार के बाद पछतावा महंगा पड़ सकता है — इसलिए खरीदते समय सतर्कता सबसे बड़ी रक्षा है।