बांग्लादेश में मंदिरों और मंडपों में कड़ी सुरक्षा के बीच दुर्गा पूजा उत्सव बुधवार को शुरू हुआ। अंतरिम सरकार ने बृहस्पतिवार को सप्तमी के अवसर पर आधिकारिक अवकाश की घोषणा की।
बांग्लादेश में पांच दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव का समापन रविवार को देवी दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन के साथ होगा।
अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस के रविवार को प्रमुख शक्ति पीठों में से एक ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा करने की उम्मीद है।
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद नेता काजोल देबनाथ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हम आज दूसरे दिन (सप्तमी) दुर्गा पूजा उत्सव मना रहे हैं। अभी कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।”
गत पांच अगस्त को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के बाद हुई हिंसा के दौरान अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया था और उनके व्यवसायों, संपत्ति और धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ व आगजनी की गई थी।
सुरक्षा की मांग को लेकर हजारों हिंदुओं ने ढाका और पूर्वोत्तर बंदरगाह शहर चटगांव में विरोध-प्रदर्शन किया था।
दुर्गा पूजा उत्सव शुरू होने से कुछ हफ्ते पहले अंतरिम सरकार के धार्मिक मामलों के सलाहकार एएफएम खालिद हुसैन ने त्योहार के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने या धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
बांग्लादेश की कुल आबादी लगभग 17 करोड़ है, जिसमें हिंदुओं की हिस्सेदारी आठ प्रतिशत के आसपास है।
देबनाथ ने बताया कि इस साल दुर्गा पूजा के लिए 31,462 पंडाल बनाए गए हैं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 32,408 थी। उन्होंने पंडालों की संख्या में कमी के लिए मानसून के कारण आई बाढ़ और अन्य संबंधित मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया।