प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले अनिल धीरुभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 1,400 करोड़ रुपये मूल्य की नई अचल संपत्तियां जब्त की हैं। सूत्रों के अनुसार, इस ताजा कार्रवाई के बाद ईडी द्वारा जब्त की गई संपत्तियों का कुल मूल्य बढ़कर करीब 9,000 करोड़ रुपये हो गया है।
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब जांच एजेंसी ने अनिल अंबानी को कई बार फेमा (FEMA) जांच से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वह पेश नहीं हुए।
समन के बावजूद पेश नहीं हुए अनिल अंबानी
अनिल अंबानी को 17 नवंबर को ईडी के दिल्ली मुख्यालय में जयपुर–रींगस हाईवे प्रोजेक्ट से संबंधित फेमा जांच में दूसरी बार पेश होना था, लेकिन उन्होंने वर्चुअल पेशी का प्रस्ताव रखते हुए समन को अनदेखा कर दिया। इससे पहले 14 नवंबर को भी वह ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। ईडी ने उनके वर्चुअल पेशी के अनुरोध को खारिज कर दिया था।
ईडी सूत्रों के अनुसार, एजेंसी फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत अनिल अंबानी का बयान दर्ज करना चाहती है। यह जांच उस आरोप के बाद शुरू हुई कि 2010 में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को मिले हाईवे प्रोजेक्ट की लगभग 40 करोड़ रुपये की राशि को सूरत स्थित फर्जी कंपनियों के जरिए दुबई भेजा गया था।
17,000 करोड़ की लोन फ्रॉड जांच भी जारी
अगस्त 2024 में ईडी मुख्यालय में अनिल अंबानी से लगभग 9 घंटे पूछताछ की गई थी। यह पूछताछ कथित 17,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले से संबंधित थी।
नॉलेज सिटी की 4,462 करोड़ की जमीन कुर्क
हाल ही में ईडी ने नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी की 132 एकड़ जमीन को, जिसकी कीमत 4,462.81 करोड़ रुपये बताई गई है, धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अस्थायी रूप से कुर्क किया था।
इसके अलावा ईडी ने पहले रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस होम फाइनेंस के बैंक धोखाधड़ी मामलों में 3,083 करोड़ रुपये से अधिक की 42 संपत्तियां भी जब्त की थीं।
ईडी की लगातार कार्रवाई के बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है।
