अब ईडी समन पर होगा क्यूआर कोड और पासकोड

देश में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के नाम पर होने वाली बढ़ती धोखाधड़ी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने बुधवार को घोषणा की कि अब से ईडी द्वारा जारी किए जाने वाले सभी समन सिस्टम-जनरेटेड होंगे और उन पर क्यूआर कोड तथा यूनिक पासकोड अनिवार्य रूप से शामिल होगा।

सरकार के अनुसार, हाल के महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां जालसाज नकली समन तैयार कर नागरिकों को धोखाधड़ी का शिकार बना रहे थे। ये नकली समन ईडी के असली समन से काफी मिलते-जुलते थे, जिसके कारण आम नागरिकों के लिए असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो जाता था।

सरकार ने स्पष्ट किया कि अब जारी होने वाले समन की प्रामाणिकता ईडी की आधिकारिक वेबसाइट पर या समन पर बने क्यूआर कोड को स्कैन करके तुरंत सत्यापित की जा सकती है।

वित्त मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि ईडी कभी भी डिजिटल या ऑनलाइन अरेस्ट नहीं करता। इसलिए नागरिकों को किसी भी व्यक्ति द्वारा वीडियो कॉल या ऑनलाइन माध्यम से किए जाने वाले “डिजिटल अरेस्ट” जैसे फर्जी दावों से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

हाल के दिनों में कई धोखेबाज खुद को पुलिस, कस्टम, ईडी, सीबीआई और आरबीआई अधिकारी बताकर फर्जी आरोपों के नाम पर आम लोगों को धमकाते हैं और “डिजिटल अरेस्ट” का भय दिखाकर बड़ी रकम ऐंठते हैं। केंद्र ने कहा कि ऐसे अपराधों की रोकथाम, जांच और कार्रवाई की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की कानून-व्यवस्था एजेंसियों की है।

इसके अलावा वित्तीय धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए ट्राई ने बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (BFSI) सेक्टर के लिए ‘1600’ नंबरिंग सीरीज को अनिवार्य कर दिया है। इस सीरीज के तहत सरकारी और गैर-सरकारी वित्तीय संस्थान नागरिकों को अधिक विश्वसनीय और प्रमाणिक कॉल कर सकेंगे।