ढाका/नयी दिल्ली. बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने पिछले साल हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान एक पूर्व पुलिस आयुक्त और सात अन्य अधिकारियों के कथित अत्याचारों के लिए उनके खिलाफ रविवार को आरोप तय किए. विरोध प्रदर्शनों के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था. न्यायाधिकरण ने पहली बार, जुलाई 2024 के विद्रोह के दौरान सामूहिक हत्याओं और अत्याचारों को लेकर दर्ज मामले का संज्ञान लिया.
न्यायमूर्ति एम. गुलाम मुर्तजा की अध्यक्षता वाली न्यायाधिकरण की तीन सदस्यीय पीठ ने ढाका के पूर्व पुलिस आयुक्त हबीबुर रहमान हबीब और सात अन्य पुलिसर्किमयों के खिलाफ अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत आरोप पत्र को स्वीकार कर लिया और मामले में सुनवाई शुरू करने की तारीख तीन जून तय की.
‘प्रोथोम आलो’ अखबार ने पीठ के हवाले से कहा, “औपचारिक आरोपों को संज्ञान में लेने के आधार हैं.” आरोपों के अनुसार, ढाका के तत्कालीन मेट्रोपॉलिटन पुलिस आयुक्त हबीब ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को पुराने ढाका के चंखरपुल इलाके में विरोध प्रदर्शन कर रही भीड़ पर गोली चलाने का कथित तौर पर आदेश दिया था. हबीब समेत तीन आरोपी फरार हैं, जबकि चार जेल में हैं. न्यायाधिकरण द्वारा आरोप पत्र तय किए जाने के समय चारों मौजूद थे. हसीना और उनके कई कैबिनेट व पार्टी सहयोगियों पर समान अपराधों का आरोप है. हसीना फिलहाल भारत में हैं.