नई दिल्ली — किसानों को उर्वरकों (Fertilizers) की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने खरीफ और रबी सीजन 2025-26 (अप्रैल से नवंबर) के दौरान एक देशव्यापी प्रवर्तन अभियान चलाया, जिसमें कालाबाजारी, जमाखोरी और डायवर्जन करने वालों पर बड़ी कार्रवाई की गई।
केमिकल और फर्टिलाइजर मंत्रालय के अनुसार,
“अभियान के तहत देशभर में 3,17,054 निरीक्षण और छापे मारे गए।”
सरकार ने बताया कि —
5,119 कारण-बताओ नोटिस कालाबाजारी के मामलों में जारी किए गए,
3,645 लाइसेंस निलंबित,
और 418 एफआईआर दर्ज की गईं।
जमाखोरी के खिलाफ अभियान में —
667 नोटिस,
202 लाइसेंस रद्द/निलंबित,
और 37 एफआईआर दर्ज की गईं।
वहीं डायवर्जन रोकने के लिए 2,991 नोटिस, 451 लाइसेंस निलंबित और 92 एफआईआर दर्ज की गईं।
ये सभी कार्रवाई आवश्यक वस्तु अधिनियम और उर्वरक नियंत्रण आदेश (FCO) के तहत की गईं।
उत्तर प्रदेश ने इस अभियान में अग्रणी भूमिका निभाई —
28,273 निरीक्षण, 1,957 नोटिस, 2,730 लाइसेंस निलंबित और 157 एफआईआर दर्ज की गईं।
अन्य प्रमुख राज्यों में —
महाराष्ट्र: 42,566 निरीक्षण, 1,000+ लाइसेंस रद्द,
राजस्थान: 11,253 निरीक्षण, व्यापक कानूनी कार्रवाई,
बिहार: लगभग 14,000 निरीक्षण और 500+ लाइसेंस निलंबित।
सरकार का कहना है कि इन सक्रिय कदमों से कृत्रिम कमी, कीमतों में हेराफेरी और फर्टिलाइजर सप्लाई चेन में अव्यवस्था को रोकने में मदद मिली है।
“इन सख्त पहलों से फर्टिलाइजर की समय पर उपलब्धता बनी रही, बाजार अनुशासन मजबूत हुआ और किसानों को राहत मिली।”
