हमास के 7 अक्टूबर हमले की पहली वर्षगांठ: इजरायल में तबाही और तनाव जारी

आज से ठीक एक साल पहले, 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया था, जिसने इजरायल को कई मोर्चों पर युद्ध में धकेल दिया। इजरायल इस संघर्ष में हिजबुल्लाह, हमास, लेबनान और ईरान के खिलाफ भारी दिख रहा है, लेकिन युद्ध के दौरान तबाही हर जगह है, चाहे वह इजरायल हो या गाजा।इजरायल के लोग भी भय और आतंक के साए में जी रहे हैं।

इजरायल की सेना लगातार हमास और हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले कर रही है। रविवार को हिजबुल्लाह ने दिनभर में इजरायल पर 120 से ज्यादा रॉकेट और प्रोजेक्टाइल दागे, जबकि इजरायल ने कई हमले विफल कर दिए। उत्तरी गाजा से दागे गए रॉकेटों ने दक्षिणी इजरायल में घुसपैठ की, जिसमें कुछ रॉकेट खुले क्षेत्रों में गिरे और एक को रोका गया।

जंग में जीवन गंवाने वालों की कहानी

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, यायर पिनहास, जो उत्तरी इजरायल के किरयात शमोना में रहते हैं, का जीवन पूरी तरह से बदल गया है। उनका परिवार पिछले साल 7 अक्टूबर के हमले के बाद से अपने घर से बेदखल हो गया था। पिनहास का कहना है, “हम हमेशा सोचते थे कि ऐसा हमला यहां जरूर होगा।” उनकी कहानी उन हजारों लोगों की है, जिन्हें इस युद्ध ने बेघर कर दिया है।

इजरायली सरकार की प्रतिक्रिया

इजरायल की सरकार का कहना है कि पिनहास जैसे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसे लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में बताया कि पिछले एक साल में हिजबुल्लाह ने 8,000 से ज्यादा रॉकेट इजरायल पर दागे हैं, जिससे लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हुए हैं।

लेबनान में जंग का खतरा

श्टुला गांव की ओरा हतन, जो लेबनान की सीमा के पास रहती हैं, ने कहा कि इजरायल के लिए लेबनान में घुसकर लड़ाई करना बेहद खतरनाक है। “यह बहुत जोखिम भरा है क्योंकि वहां बहुत सारे जाल बिछाए गए हैं।” हतन का मानना है कि इजरायल को सीमा की रक्षा करने पर ध्यान देना चाहिए, न कि लेबनान में लंबे समय तक रहना चाहिए, जैसा 2006 के युद्ध के दौरान हुआ था।युद्ध का खौफनाक असर अब न सिर्फ गाजा और लेबनान में बल्कि इजरायल के भीतर भी साफ नजर आ रहा है, जहां लोग इस भयावह जंग के समाप्त होने की प्रार्थना कर रहे हैं।

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