लैपटॉप और इसी तरह के अन्य उत्पादों के आयात पर ‘अंकुश’ लगाने की सरकार की नीति में उतार-चढ़ाव से कारोबारी अनिश्चितता और लागत बढ़ी है।
शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने बुधवार को यह बात कही। उसके मुताबिक वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों को भारत में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करने को एक निर्णायक और सुसंगत नीति महत्वपूर्ण है।
शोध संस्थान ने कहा कि स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार को एक स्थिर और दीर्घकालिक नीति की घोषणा करनी चाहिए।
जीटीआरआई ने कहा कि भारत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के आईटीए-1 (सूचना प्रौद्योगिकी) समझौते से बंधा हुआ है और आयात शुल्क नहीं बढ़ा सकता है, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आयात प्रतिबंध मुख्य उपाय बन गए हैं।
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि हालांकि आयात प्राधिकरणों के बार-बार विस्तार और एक स्पष्ट आयात प्रबंधन प्रणाली (आईएमएस) को लागू करने में देरी ने इन प्रयासों को कमजोर कर दिया है।