भारत सरकार ने 2024-25 के केंद्रीय बजट में देश के इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग को बड़ा प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव किया है। इस बजट में इलेक्ट्रॉनिक चिप संयंत्रों, इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले, और सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला के आधुनिकीकरण के लिए महत्वपूर्ण आवंटन किए गए हैं।
प्रमुख आवंटन:
- इलेक्ट्रॉनिक चिप संयंत्रों के लिए: 1,500 करोड़ रुपये
- इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले के लिए: 100 करोड़ रुपये
- मोहाली में सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला के आधुनिकीकरण के लिए: 900 करोड़ रुपये
इसके अलावा, विनिर्माण क्षेत्र में स्थानीय कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए 6,903 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इससे घरेलू कंपनियों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।
संशोधित योजना के तहत: सरकार ने देश में मिश्रित, पृथक सेमीकंडक्टर विनिर्माण और असेंबली इकाइयों की स्थापना के लिए संशोधित योजना के तहत 4,203 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
सीमा शुल्क अधिनियम में संशोधन: बजट में सीमा शुल्क अधिनियम, 1975 की पहली अनुसूची में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है, ताकि भारतीय सेमीकंडक्टर मशीनों, ई-साइकिल, और प्रिंटर कार्ट्रिज आदि में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों के संबंध में नए शुल्क तय किए जा सकें, जो एक अक्टूबर से प्रभावी होंगे।
शुल्क में कटौती: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक कल-पुर्जों और घटकों के निर्माण के लिए उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल पर शुल्क में कमी की भी घोषणा की है। यह कदम भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस बजट में प्रस्तावित प्रावधानों से न केवल देश के इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यह भारत को एक वैश्विक विनिर्माण हब बनाने के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।